Income Tax Return Filing: इनकम टैक्स रिटर्न भरने का टाइम शुरू हो चुका है. बहुत सी कंपनियों ने Form-16 भी जारी करना शुरू कर दिया है. सैलरीड प्रोफेशनल से लेकर बिजनेस करने वालों और फ्रीलांसर सभी को इनकम टैक्स रिटर्न भरना है ऐसे में टैक्स रिटर्न का प्रोसेस समझना जरूरी है, खासकर तब जब आप पहली बार टैक्स भरने जा रहे हों. अगर आप पहली बार टैक्सपेयर बनने जा रहे हैं तो आईटीआर फाइलिंग के लिए आपको कुछ बातें जान लेनी चाहिए. 

किस इनकम पर देना है टैक्स?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपकी जो इनकम है, चाहे वो सैलरी से आ रही है या बिजनेस से, उस ग्रोस इनकम पर आपको जो टैक्स डिडक्शन और दूसरी कटौती करने के बाद जो अमाउंट बचता है, वो आपकी टैक्सेबल इनकम होती है, इसी इनकम पर आपको टैक्स देना होगा.  यानी कि आपकी ग्रोस इनकम पर मिली टैक्स छूट के बाद जो इनकम बची, उसपर टैक्स कैलकुलेट होगा. यहां बता दें कि Old Tax Regime में 2.5 लाख तक और New Tax Regime में 3 लाख तक की इनकम पर टैक्स भरने से छूट मिली हुई है.

ये भी पढ़ें: ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की कर लें तैयारी, लेकिन डॉक्यूमेंट्स क्या-क्या चाहिए? यहां चेक कर लें लिस्ट

आपके पास हैं दो टैक्स रिजीम के ऑप्शन

आपको दो टैक्स रिजीम मिलेंगे- ओल्ड और न्यू. ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब कम हैं और टैक्स डिडक्शन ज्यादा. ओल्ड रिजीम में कई ऐसे टैक्स छूट हैं जो न्यू रिजीम में नहीं मिलते. लेकिन न्यू रिजीम में 3 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट है, वहीं रिबेट के साथ 7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो सकती है. ऐसे में आप पहले कैलकुलेट करके देख लें कि कौन सा रिजीम आपके लिए ज्यादा बेहतर है.

कौन से डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी

आईटीआर फाइल करने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी, जिसमें आपकी पर्सनल डीटेल्स, टैक्स स्टेटमेंट और इनकम और इन्वेस्टमेंट प्रूफ होगा. पैन, आधार, बैंक स्टेटमेंट के साथ Form 16, Form 26AS, AIS यानी एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट साथ में रखें. इसके अलावा अगर आपने कोई निवेश किया है या होम लोन लिया है और उसपर टैक्स छूट मिल रही है तो उसका भी प्रूफ रखें.

ये भी पढ़ें: इन 5 हाई वैल्यू कैश ट्रांजेक्शन का रखें ध्यान, वरना आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस

ITR Forms

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट हर साल अलग-अलग कैटेगरी में आने वाले टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग फॉर्म जारी करता है. चार तरह के आईटीआर फॉर्म्स होते हैं, ITR-1, ITR-2, ITR-3 और ITR-4, आप जरूर देख लें कि आपको कौन सा भरना है.

ITR वेरिफिकेशन

आईटीआर फाइल करने के बाद आखिरी लेकिन बहुत जरूरी प्रोसेस होता है आईटीआर वेरिफिकेशन का. इसके बिना फाइलिंग अधूरी मानी जाती है और बाद में अमान्य घोषित हो जाती है. आप वेरिफिकेशन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही कर सकते हैं. ऑनलाइन के लिए आपको Aadhaar OTP की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए आपके पास एक ईमेल आएगा. ऑफलाइन आपको आईटीआर का प्रिंटआउट CPC, बेंगलुरु भेजना होगा, और वेरिफिकेशन आपको फाइलिंग के 30 दिनों के भीतर सबमिट करना होगा.

ये भी पढ़ें: Old Vs New Tax Regime 2023: ये 10 टैक्स छूट चाहिए तो न चुनें न्यू टैक्स रिजीम, ओल्ड टैक्स रिजीम में ही होगा फायदा

आईटीआर नहीं भरने पर क्या होगा?

अगर आप आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है. ITR 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक भरा जा सकता है. आपको 31 दिसंबर तक बिलेटेड या रिवाइज़्ड आईटीआर फाइल करने की मोहलत दी जाती है, लेकिन आपके ऊपर इस दौरान अधिकतम 5,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. लेकिन अगर आपकी टोटल इनकम 5 लाख से नीचे है तो आपको 1,000 रुपये जुर्माना देना होगा. अगर आप इसके बाद भी आईटीआर फाइल नहीं करते तो आपके ऊपर जुर्माना और जेल का प्रावधान दोनों बन सकता है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें