अगर आप रेडी टू मूवइन (Ready to Move-in) घर खरीदने की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. रेडी टू मूवइन घर पर बिल्‍डर आपसे टैक्‍स के नाम पर ज्‍यादा पैसे वसूल सकता है. यह टैक्‍स और कोई नहीं बल्कि वस्‍तु एवं उत्‍पाद कर (GST) है. खास बात यह है कि प्रॉपर्टी पर GST तभी लगता है जब बिल्‍डर ने ग्रुप हाउसिंग के निर्माण कार्य का समापन प्रमाणपत्र (Completion Certificate) न लिया हो. इस सर्टिफिकेट को पाने की शर्तें काफी टफ हैं. 

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सक्षम अधिकारी इसे तभी जारी करता है जब बिल्‍डर ने सभी शर्तों को पूरा किया हो. इसलिए जरूरी है ऐसी प्रॉपर्टी ही खरीदें जिसका कम्‍प्‍लीशन सर्टिफिकेट जारी हो चुका हो. इससे आपके लाखों रुपए बचेंगे, साथ ही सही प्रॉपर्टी का चुनाव कर पाएंगे. उदाहरण के तौर पर अगर आप 40 से 50 लाख के बजट की प्रॉपर्टी खरीदते हैं और उस टाउनशिन को कार्य समापन प्रमाणपत्र नहीं मिला है तो इससे आपको प्रॉपर्टी की कीमत के साथ 12% जीएसटी भरना होगा.

कब मिलता है कम्‍प्‍लीशन सर्टिफिकेट

बिल्‍डर जब प्रोजेक्‍ट पूरा कर लेता है तो वह स्‍थानीय अथॉरिटी के पास इस सर्टिफिकेट के लिए अप्‍लाई करता है. सक्षम अधिकारी साइट का इंस्‍पेक्‍शन करने के बाद निर्माण की गुणवत्‍ता से संतुष्‍ट होने पर ही सर्टिफिकेट जारी करता है. इसमें बिल्डिंग प्‍लान और जरूरी मानकों का पालन अनिवार्य है. इस सर्टिफिकेट के मायने हैं कि सोसाइटी में पीने के पानी, बिजली और ड्रेनेज सिस्‍टम जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं. बिल्‍डर तब तक ग्राहक को पजेशन नहीं दे सकता जब तक उसे कार्य समापन प्रमाणपत्र न मिल जाए.

कितना लगता है जीएसटी

चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) अरविंद दुबे के अनुसार रियल एस्‍टेट में जीएसटी उन भवनों या फ्लैटों पर लगता है जो निर्माणाधीन हैं और ग्राहक ने उस योजना या ग्रुप हाउसिंग में संपत्ति की बुकिंग कराई है. इसमें बिल्‍डर ग्राहक से निर्माण के दौरान चरणबद्ध रूप से कुल 12% जीएसटी वूसलता है. साथ ही ऐसी टाउनशिप जो पूरी तो हो चुकी है लेकिन उसे कार्य समापन प्रमाण पत्र नहीं मिला है, यहां भी जीएसटी के दायरे में आती है. 

कहां नहीं लगता जीएसटी

CA अरविंद दुबे ने बताया कि जीएसटी वहां नहीं लगेगा, जिन रीयल एस्टेट परियोजनाओं के लिये बिक्री के समय कार्य समापन प्रमाणपत्र मिल चुका होगा. आम तौर पर अथॉरिटी की टाउनशिप में रेडी टू मूव मकान लेना बेहतर होता है क्‍योंकि वे जरूरी मानकों को पूरा करते हैं और उन्‍हें कम्‍प्‍लीशन सर्टिफिकेट मिलने में दिक्‍कत नहीं आती.