गैर-संगठित क्षेत्र के बाद अब केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPFO) सब्सक्राइबर्स को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. पेंशन की न्‍यूनतम राशि 3000 रुपये की जा सकती है. मिनिमम पेंशन के लिए सरकार 3000 रुपये को बेंचमार्क बना सकती है. केंद्रीय न्‍यासी बोर्ड (CBT) के सदस्‍य विरजेश उपाध्‍याय के अनुसार, सरकार ने बजट में गैर-संगठित क्षेत्र के लिए 3 हजार रुपये पेंशन की घोषणा की है. लिहाजा संगठित क्षेत्र के लिए इसे ही आधार बनाया जा सकता है.

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लोकसभा चुनाव से पहले सरकार कर सकती है घोषणा

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ईपीएफओ सब्‍सक्राइबर्स के लिए मिनिमम पेंशन की घोषणा कर सकती है.  इसका प्रस्‍ताव पहले से ही वित्‍त मंत्रालय के पास है.  सूत्रों के मुताबिक लेबर मिनिस्ट्री ने वित्त मंत्रालय से इस पर जल्द फैसला लेने की गुजारिश की है. अभी ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए न्यूनतम पेंशन 1000 हजार रुपये है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने सरकार से 3000 हजार रुपये की रकम को ही आधार बनाने की मांग की है.

ईपीएफओ के पेंशन फंड में जाते हैं इतने पैसे

कंपनी के कंट्रीब्यूशन का 8.33 फीसदी पेंशन फंड में जाता है. सरकार इस फंड में अपनी ओर से 1.16 फीसदी का योगदान करती है. सरकार अगर न्यूनतम पेंशन 3 हजार रुपये करती है तो खजाने पर करीब 8.5 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आ सकता है. अगर न्यूनतम पेंशन की रकम बढ़ेगी तो ईपीएफओ के एक्टिव मेंबर्स की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी.