कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से देश के लोगों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन  (Lockdown) किया है. इस दौरान देश के लोगों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े इसके लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं.  रविवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए बड़ा ऐलान किया है. इसके तहत कर्मचारियों को ईपीएफ (EPF) से एडवांस में पैसे निकालने की अनुमति दी गई है. खास बात ये है कि ये पैसा वापस करने की भी जरूरत नहीं होगी.  

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इस प्रावधान के तहत दी गई सुविधा 

श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा ईपीएफ योजना में संशोधन के लिए जारी की गई अधिसूचना जीएसआर 225(ई) के तहत देश में कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए ईपीएफ सदस्यों द्वारा गैर-वापसी योग्य अग्रिम धननिकासी की अनुमति प्रदान की गई है. महामारी या वैश्विक महामारी के फैलने की स्थिति में यह अधिसूचना धननिकासी की अनुमति देती है जो तीन महीनों के मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते या सदस्य के ईपीएफ खाते में जमा धनराशि के 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. सरकार की ओर से ये सुविधा दिए जाने से मुश्किल दौर से गुजर रहे कर्मचारियों के लिए ये बड़ी राहत होगी. 

सभी सदस्यों को मिलेगा फायदा 

कोविड-19 को डब्लूएचओ सहित कई अन्य प्राधिकरणों द्वारा पूरे देश के लिए महामारी घोषित किया गया है. इसलिए पूरे भारत के प्रतिष्ठानों और कारखानों के कर्मचारी जो ईपीएफ योजना के सदस्य हैं, गैर-वापसी योग्य अग्रिम के लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं. ईपीएफ योजना, 1952 के अनुच्छेद 68एल में उप-अनुच्छेद(3) जोड़ा गया है. संशोधित योजना-कर्मचारी भविष्य निधि (संशोधन) योजना, 2020 को 28 मार्च, 2020 से लागू किया गया है. 

 

 

तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए 

अधिसूचना जारी होने के बाद, ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि परिस्थिति का सामना करने में सहायता प्रदान करने के लिए ईपीएफ सदस्यों के आवेदनों पर त्वरित निर्णय लिए जाने चाहिए. ईपीएफओ ने निर्देश दिया है कि ईपीएफ सदस्यों के दावों पर अधिकारी और कर्मचारी जल्द निर्णय लें ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कामगारों और उनके परिजनों तक राहत जल्द से जल्द पहुंचे.