नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर है. न्यूनतम पेंशन को दोगुना करने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने न्यूनतम पेंशन को 1 हजार रुपए से बढ़ाकर 2 हजार रुपए करने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है. अब वित्त मंत्रालय को अंतिम मंजूरी देनी है. अगर मंजूरी मिलती है तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नौकरीपेशा के लिए यह बड़ी सौगात होगी.

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डबल होगी न्यूनतम पेंशन

न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने को लेकर मंगलवार को EPFO की अहम बैठक हुई है. श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार का कहना है कि EPFO सब्सक्राइबर के लिए न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का मामला वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है. वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव पर अंतिम मंजूरी देगा. न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये किए जाने का प्रस्ताव है. सूत्रों की मानें तो न्यूनतम पेंशन को 2000 रुपए करने पर अंतिम फैसला आने की पूरी उम्मीद है. सरकार खुद चाहती है कि न्यूनतम पेंशन को डबल किया जाए. इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 2000 रुपए कर सकती है.

सरकार के निर्देश के बाद ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इसका एक प्रस्ताव तैयार किया था. इस प्रस्ताव में पेंशन बढ़ोत्तरी से कितने लोगों को फायदा होगा. सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा इसका आंकड़े भी दिया गया है. न्यूनतम पेंशन के लिए सरकार सालाना 813 करोड़ रुपए का योगदान देती है.

3000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ

EPFO की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, अगर सरकार न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का फैसला लेती है तो ईपीएफओ पर करीब 3000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. अधिकारियों की मानें तो रिटायरमेंट फंड बॉडी के पास इतना अतिरिक्त पैसा है कि न्यूनतम पेंशन डबल करने का बोझ उठाया जा सके. पेंशन की रकम दोगुना करने के पीछे सरकार का मकसद पेंशन धारकों की सामाजिक सुरक्षा के दायरे को मजबूत करना है. 

40 लाख पेंशन धारकों को होगा फायदा

मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, इस बढ़त से एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम यानि ईपीएस के 40 लाख पेंशन धारकों को सीधा फायदा होगा. इसमें से 18 लाख लोगों को 1000 रुपए की न्यूनतम पेंशन मिलती है जबकि 22 लाख लोगों की पेंशन 1500 रुपए महीना है. साल 2014 में न्यूनतम पेंशन की सीमा 1000 रुपए महीना करने को मंजूरी दी थी.