अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार नौकरीपेशा लोगों को बड़ी सौगात दे सकती है. हाल ही में खबर आई थी कि सरकार ग्रेच्युटी की समय सीमा को घटाकर 3 साल कर सकती है. लेकिन, अब खबर मिल रही है सरकार ग्रेच्युटी के अलावा न्यूनतम पेंशन जैसे मुद्दे पर भी बड़ा फैसला ले सकती है. अगर ऐसा होता है तो नौकरीपेशा लोगों को चुनाव से पहले डबल खुशी का डोज मिल सकता है. दरअसल, सरकार ग्रेच्युटी की समय सीमा 5 साल से घटाकर 3 साल करने की तैयारी कर रही है. वहीं, न्यूनतम पेंशन को भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों मुद्दों पर जल्द फैसला लिया जा सकता है.

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क्या मिलेगा सौगात?

न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने और ग्रेच्युटी की समय सीमा 3 साल करने को लेकर 4 दिसंबर को EPFO की अहम बैठक है. वित्त मंत्रालय पहले ही न्यूनतम पेंशन पर अपनी मंजूरी दे चुका है. CBT बैठक में इन पर फैसला होना है. अभी 5 साल लगातार नौकरी पर ही ग्रेच्युटी मिलती है. इसके अलावा फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉई (अनुबंधित कर्मचारी) को भी ग्रेच्युटी का फायदा दिया जा सकता है. फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉई को नौकरी पीरियड अनुपात में ग्रेच्युटी मिलेगी. खास बात यह है कि सरकार PF की तर्ज पर ग्रेच्यूटी के लिए UAN जैसा खाता बना सकती है.

ग्रेच्युटी के लिए अलग UAN

प्रोविडेंट फंड के लिए 2015 में UAN यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की सुविधा शुरू की गई थी. इसके बाद से PF को अलग-अलग खातों में रखने के बजाए एक ही UAN में देखा जा सकता है. ऐसा ही अब ग्रेच्युटी के मामले में भी हो सकता है. सरकार ग्रेच्युटी को ट्रैक करने के लिए अलग UAN की व्यवस्था कर सकती है. यह सुविधा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले की जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो नौकरीपेशा लोग पीएफ की तरह ही अपनी ग्रेच्युटी को भी ट्रैक कर सकेंगे. इसमें ग्रेच्युटी की पासबुक को भी देखा जा सकेगा.

डबल होगी न्यूनतम पेंशन

सूत्रों के मुताबिक, न्यूनतम पेंशन को 2000 रुपए करने पर अंतिम फैसला 4 दिसंबर की बैठक में होने की उम्मीद है. अभी तक न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए है. सरकार न्यूनतम पेंशन डबल करने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 2000 रुपए कर सकती है. सरकार के निर्देश बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इसका एक प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव में पेंशन बढ़ोत्तरी से कितने लोगों को फायदा होगा. सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा इसका आंकड़े भी दिया गया है. न्यूनतम पेंशन के लिए सरकार सालाना 813 करोड़ रुपए का योगदान देती है. 

3000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ

EPFO की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, अगर सरकार न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का फैसला लेती है तो ईपीएफओ पर करीब 3000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. अधिकारियों की मानें तो रिटायरमेंट फंड बॉडी के पास इतना अतिरिक्त पैसा है कि न्यूनतम पेंशन डबल करने का बोझ उठाया जा सके. पेंशन की रकम दोगुना करने के पीछे सरकार का मकसद पेंशन धारकों की सामाजिक सुरक्षा के दायरे को मजबूत करना है. 

40 लाख पेंशन धारकों को होगा फायदा

मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक इस बढ़त से इंप्लाई पेंशन स्कीम यानि ईपीएस के 40 लाख पेंशन धारकों को सीधा फायदा होगा. इसमें से 18 लाख लोगों को 1000 रुपए की न्यूनतम पेंशन मिलती है जबकि 22 लाख लोगों की पेंशन 1500 रुपए महीना है. साल 2014 में न्यूनतम पेंशन की सीमा 1000 रुपए महीना करने को मंजूरी दी थी.