7th Pay Commission में बेसिक सैलरी बढ़ाने की डिमांड से ज्‍यादा सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन फिर से बहाल कराने में ज्‍यादा दिलचस्‍पी ले रहे हैं.

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उत्‍तर प्रदेश (UP) में डिमांड के जोर पकड़ने के साथ आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में हजारों राज्‍य कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं. यूपी के एक संगठन का दावा है कि 26 नवंबर को पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर देशभर में प्रदर्शन होगा.

उधर, यूपी का अन्‍य संगठन एस4 पहले से पुरानी पेंशन बहाली के लिए चेतना रथ यात्रा निकाल रहा है. ऑल टीचर व इम्‍प्‍लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा, यूपी) के प्रदेश अध्‍यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन के मुद्दे पर सरकार हमें नजरअंदाज नहीं कर सकती.

26 नवंबर को करेंगे संसद मार्च

बंधु ने कहा कि सबसे पहले 26 नवंबर को देशभर के कर्मचारी संसद तक मार्च करेंगे और राज्‍य के साथ-साथ केंद्र पर भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए दबाव बनाएंगे. राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के अध्‍यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली मंच की हड़ताल पर राज्‍य सरकार ने एक कमेटी बनाई थी, लेकिन कमेटी हमारे मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है. अगर सरकार ने इसे नहीं माना तो हड़ताल ही सहारा है. 

3 दिसंबर को होगी हुंकार रैली

पीडब्‍ल्‍यूडी वर्क चार्ज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि कर्मचारियों के लिए सरकार को पुरानी पेंशन योजना हर हाल में लागू करनी पड़ेगी. सरकार जब तक हमारी मांग नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हिन्‍दुस्‍तान की खबर के मुताबिक राज्‍य कर्मचारी 3 दिसंबर 2018 को दिल्‍ली में हुंकार रैली की भी रणनीति बना रहे हैं.

एस4 निकाल रही चेतना रथयात्रा

एस4 के संयोजक (वित्‍त) आरके वर्मा ने बताया कि हमारे संगठन से लगभए एक दर्जन कर्मचारी संगठन जुड़े हैं. संगठन का एक ही लक्ष्‍य है- राज्‍य में पुरानी पेंशन की बहाली. केंद्र सरकार साफ कह चुकी है कि नई पेंशन योजना राज्‍यों के विवेक पर निर्भर है. वर्मा ने बताया कि 29 अक्‍टूबर 2018 को लखनऊ से शुरू चेतना रथयात्रा अब तक एक दर्जन जिलों में गई है. पुरानी पेंशन व्‍यवस्‍था को 2005 में प्रदेश से खत्‍म कर दिया गया था. इसके बाद नई पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू किया गया.

एस4 के साथ कई शिक्षक संगठन

संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति, यूपी (S4) ने 5 सितंबर 2018 को प्रदेश के सभी डिस्ट्रिक्‍ट हेडक्‍वार्टर में धरना देकर सीएम को ज्ञापन दिया था. फिर 2 अक्‍टूबर 2018 को कैंडिल मार्च निकालकर विरोध जताया था. इस संगठन को राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद, यूपी राज्‍य कर्मचारी महासंघ (अजय सिंह), जूनियर हाईस्‍कूल शिक्षक संघ, उत्‍तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्‍नातक एसोसिएशन, राजकीय शिक्षक संघ, राष्‍ट्रीय शैक्षिक महासंघ आदि संगठनों का समर्थन प्राप्‍त है.