Tokyo Paralympics: भारत को मिली दोहरी खुशी, मरियप्पन थंगावेलु ने सिल्वर तो शरद कुमार ने जीता ब्रॉन्ज मेडल
Tokyo Paralympics latest news in hindi: टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) में अब तक भारत दस मेडल हासिल कर चुका है.
Tokyo Paralympics latest news in hindi: टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) में भारत के एथलीट्स लगातार मेडल्स जीतने का कारनामा कर रहे हैं. मंगलवार को हाई जंप के T63 इवेंट में भारत को दो मेडल मिले. मरियप्पन थंगावेलु (Mariyappan Thangavelu) ने सिल्वर और और शरद कुमार (Sharad Kumar) ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचने का कारनामा किया. टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) में अब तक भारत दस मेडल हासिल कर चुका है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गत चैंपियन मरियप्पन थंगावेलु (Mariyappan Thangavelu) और शरद कुमार (Sharad Kumar) ने पुरुष ऊंची कूद में यह उपलब्धि हासिल की है. मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया जबकि अमेरिका के सैम ग्रेव ने अपने तीसरे प्रयास में 1.88 मीटर की कूद के साथ गोल्ड मेडल जीतने में सफलता हासिल की. वहीं शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता.
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रियो ओलिंपिक में भी भारत ने हाई जंप में जीते थे दो मेडल
पिछली बार भी रियो ओलिंपिक में भी भारत को हाई जंप में दो मेडल मिले थे. तब मरियप्पन थंगावेलु ने गोल्ड मेडल हासिल किया था. जबकि वरुण सिंह भाटी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. लेकिन इस बार वरूण सिंह भाटी (varun singh bhati) नौ प्रतिभागियों में सातवें स्थान पर रहे. वह 1.77 मीटर की कूद लगाने में नाकाम रहे. टी63 वर्ग में उन खिलाड़ियों को रखा जाता है जिनके पैर में समस्या है, पैर की लंबाई में अंतर है, मांसपेशियों की ताकत और पैर की मूवमेंट में समस्या है. इस वर्ग में खिलाड़ी खड़े होकर प्रतिस्पर्धा पेश करते हैं.
पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा
अवनि लेखरा और सुमित अंतिल ने इतिहास रचते हुए टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) में गोल्ड मेडल हासिल किया. दो गोल्ड पांच सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज के साथ भारत के पास कुल दस मेडल हो गए हैं. भारत मेडल टैली में अभी 30वें स्थान पर मौजूद है. इससे पहले मंगलवार सुबह निशानेबाजी में सिंहराज अधाना ने ब्रॉन्ज मेडल जीतने का कारनामा किया था. सिंहराज अधाना ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया. उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाई थी.