Power Crisis: देश में कोयले के संकट से निपटने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही. वहीं आज (गुरुवार) इसे लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने राज्यों के साथ अहम बैठक की. इसमें थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले का इंपोर्ट और ब्लेंडिंग को लेकर समीक्षा की गई. इस मीटिंग में वर्चुअली पावर सेक्रेटरी आलोक कुमार, राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी और Gencos मौजूद थे. बैठक में मंत्री ने कहा कि बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कोयले की सप्लाई में दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने इसे देखते हुए थर्मल पावर प्लांट्स में सम्मिश्रण (Blending)  के लिए कोयले के इंपोर्ट पर जोर दिया. 

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राज्यों को ब्लेंडिंग के लिए कोयले के इंपोर्ट का आदेश देने की सलाह दी गई, जिससे अतिरिक्त कोयला इसी महीने से ही बिजली संयंत्रों तक पहुंच जाए. ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि इन कंपनियों से मिले कोयले के अनुपात में सभी जेनकोस को घरेलू कोयले की सप्लाई की जाएगी.

कोयले की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश

इसके अलावा राज्यों को अपनी कोयला जरूरतों को पूरा करने के लिए बंद पड़े (Captive mines) से उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी गई. जिससे लिंकेज कोयले पर बोझ को कम करने में मदद मिल सके. वहीं उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्यों को अपने बिजली प्लांट्स में रेल-सह-सड़क (Rail-cum-Road) मोड में उठाव एनश्योर करना चाहिए. जिससे उनके बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.

जो राज्य आरसीआर (RCR) कोयला नहीं उठा रहे हैं, उनका आवंटन रद्द कर दिया जाएगा और दूसरे राज्यों को ऑफर किया जाएगा. इसके बाद वह राज्य अपने प्रदेश में कोयले की कमी और इससे पैदा हुए बिजली की कमी के लिए जिम्मेदार होंगे.

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इन राज्यों को दी गई सलाह

बैठक में सीईए द्वारा आंकड़ों को रखा गया. इसके मुताबिक, तमिल नाडु और महाराष्ट्र ने कोयले के आयात के लिए ऑर्डर दिए हैं. जबकि पंजाब और गुजरात टेंडर को अंतिम रूप देने के लिए एडवांस स्टेज में हैं. वहीं दूसरे राज्यों को समय पर अपने बिजली संयंत्रों में सम्मिश्रण के लिए कोयले का आयात करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है. राजस्थान, मध्य प्रदेश टेंडर जारी करने की प्रक्रिया में हैं.

हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड ने अभी तक कोयले के लिए निविदा जारी नहीं की या कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की है. इन्हें अपने बिजली संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की सलाह दी गई है.