देश के सबसे बड़े कंज्‍यूमर कमिशन NCDRC ने घर खरीदारों को बड़ी राहत दी है. NCDRC ने कहा है कि जिन घर खरीदारों को 1 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अपने फ्लैट का पजेशन नहीं मिला है वे बिल्‍डर से अपनी रकम वापस मांग सकते हैं. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट और कंज्‍यूमर कोर्ट ने घर खरीदारों का हित सुरक्षित रखने के लिए कई नजीर पेश की हैं. लेकिन मकान के लिए दी गई रकम वापस मांगने पर फैसला पहली बार आया है. हां, शीर्ष न्‍यायिक संस्‍थानों का यह जरूर कहना था कि बिल्‍डर सालों तक मकान या फ्लैट का पजेशन न देकर घर खरीदारों को तंग नहीं कर सकते.

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2012 में बुक किया था फ्लैट

नेशनल कंज्‍यूमर डिस्‍प्‍यूट रिड्रेसल कमिशन (NCDRC) ने गुरुग्राम के डेवलपर ओरिस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और 3C कंपनी के एक मामले में यह फैसला दिया है. दिल्‍ली निवासी शलभ निगम ने 2012 में डेवलपर से फ्लैट बुक किया था. NCDRC ने फैसले में कहा कि अगर खरीदार को घर का पजेशन 1 साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है तो वह बिल्‍डर को दी गई अपनी पूरी रकम वापस मांग सकता है. 

क्‍या है मामला

दिल्‍ली निवासी शलभ निगम ने फ्लैट की 1 करोड़ रुपए कीमत के एवज में 90 लाख रुपए बिल्‍डर को अदा कर दिए थे. उन्‍हें समझौते के तहत 36 माह में फ्लैट का पजेशन मिलना था. इसमें अलॉटमेंट तिथि से 6 माह की अतिरिक्‍त मोहलत शामिल थी. लेकिन बिल्‍डर समय पर काम नहीं पूरा कर पाए तो शलभ ने आयोग का दरवाजा खटखटाया और उन्‍हें न्‍याय मिला.

खरीदार को एक करोड़ रुपए लौटाए यूनीटेक

एक अन्‍य मामले में NCDRC ने रीयल इस्टेट कंपनी यूनीटेक (Unitech) लिमिटेड को 1 घर खरीदार को 1 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया है क्योंकि कंपनी खरीदार को तय समय में अपार्टमेंट देने में नाकाम रही. शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने कंपनी को गुरुग्राम के रहने वाले अमल और मीनाक्षी गांगुली को 3 महीने के अंदर 1,77,95,300 रुपये लौटाने और घर का मालिकाना हक देने में 2 साल से अधिक की देरी के लिए उन्हें सालाना 10 फीसदी के साधारण ब्याज के साथ मुआवजा देने का निर्देश दिया है.