वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पिछले वर्ष के मुकाबले आधे हो गए हैं. वहीं, पीएमएलए और फेमा के प्रावधानों के अंतर्गत जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग में कई भारतीय शेल कंपिनयों और विदेशी कंपिनयों और ऑफशोर शेल कंपिनयों की भूमिका देखी गई है. ये सभी जानकारियां वित्त मंत्रालय ने सदन में दी है. वहीं, सरकार ने बैंक घाटालों के चार सबसे बडे़ मामलों- DFHL (34,615 करोड रुपये), ABG Shipyard, H-tech Auto और भूषण पावर एंड स्टील की वर्तमान स्थिति भी बताई है.  

पांच साल में कुल 3,497 मामले दर्ज

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वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपक बैज द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में बताया कि पिछले पांच साल में मनी लॉन्ड्रिंग के कुल 3,497 मामले दर्ज किए गए हैं. वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनी लॉन्ड्रिंग के 195 मामले दर्ज किए गए. साल 2019-20 में 562 मामले, साल 2020-21 में 981 मामले, साल 2021-22 में 1180 मामले दर्ज किए गए हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 28 फरवरी 2023 तक कुल मामलों की संख्या 579 है.    

मनी लॉन्ड्रिंग में शेल कंपनियों का इस्तेमाल 

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने अपने जवाब में आगे बताया कि पीएमएलए और फे मा के प्रावधानों के अंतर्गत जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग में कई भारतीय शेल कंपनियों और विदेशी कंपनियों/ऑफशोर शेल कंपनियों की भूमिका देखी गई है. इन मामलों में पीएमएलए और फेमा के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की गई है. फेमा (एफईएमए), पीएमएलए और भगोड़ा आर्थिक अधिनियम 2018 (FIOA)के उपबंधों को लागू करने का काम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपा गया है. 

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चार बड़े बैंक घोटोलों पर कार्रवाई

देश के बैंक घाटालों के चार सबसे बडे़ मामलों- DFHL (34,615 करोड़ रुपए), ABG Shipyard (22,842 करोड़ रुपए), H-tech Auto (25,000 करोड़ रुपए) और भूषण पावर एंड स्टील (47,204 करोड़ रुपए) के बारे में वित्त राज्यमंत्री डॉ. भगवत कराड ने बताया कि सीबीआई ने डीएचएफएल, एबीजी शिपयार्ड और बीपीएसएल के मामलों में आरोप पत्र दायर कर दिए हैं.ईडी ने इन मामलों में अपराध से अर्जित 10,232.43 करोड़ रुपये की आय को कुर्क किया है. वहीं, अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है. आरबीआई के मुताबिक किसी भी बैंक द्वारा एच-टेक ऑटो से संबंधित किसी धोखाधड़ी की सूचना नहीं दी गई है.