सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) ने शुक्रवार को मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए नए नियम लागू किए हैं. इन सेंटर पर कैंडिडेट्स को हाई क्वालिटी ड्राइविंग ट्रेनिंग (Driving Training Centers) दी जाएगी. जो लोग टेस्ट क्लियर कर लेंगे उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाते वक्त दोबारा से टेस्ट नहीं देना होगा. इसमें उन्हें छूट दी जाएगी. मंत्रालय की तरफ से जारी नए नियम में कहा गया है कि इन केंद्र पर ट्रेनिंग की तमाम सुविधाओं के साथ ही ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक होगा, जिसमें कैंडिडेट्स को हाई क्वालिटी ड्राइविंग ट्रेनिंग दी जाएगी. 

ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए नए नियम

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मंत्रालय ने कहा कि मोटर वाहन कानून, 1988 के तहत इन केंद्रों पर ‘रेमिडियल’ और ‘रिफ्रेशर’ सिलेबस उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावा मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स (Driving Training Centers) के लिए नए नियम लागू किए हैं. यह नए नियम 1 जुलाई 2021 से लागू हो जाएंगे. मंत्रालय ने आगे कहा कि मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर्स से वाहन चलाने की ट्रेनिंग पाने के बाद ड्राइवर्स को ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) पाने में मदद मिलेगी. 

RTO में भी नहीं देना होगा ड्राइविंग टेस्ट

बता दें सेंटर्स पर रजिस्ट्रेशन कब से शुरू होंगे इस बात की जानकारी वक्त रहते कैंडिडेट्स को मिल जाएगी. वहीं इन सेटर्स पर होने वाले टेस्ट को क्लियर करने के बाद कैंडिडेट्स को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) पर ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) के लिए होने वाले ड्राइविंग टेस्ट को देने की जरूरत नहीं होगी.

अधिकारियों को नहीं करनी पड़ेगी रिक्वेस्ट

दरअसल मंत्रालय की तरफ से बयान में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर्स (Driving Training Centers) से वाहन चलाने की ट्रेनिंग पाने के बाद ड्राइवर्स को ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) पाने में मदद मिलेगी. इसका मतलब साफ है कि इस कोरोना महामारी में आपको लाइसेंस से पहले टेस्ट के लिए अपनी बाइक या कार नहीं लेकर जानी होगी. साथ ही कोई गलती होने पर टेस्ट लेने वाले अधिकारियों को रिक्वेस्ट नहीं करनी पड़ेगी. 

जारी नए नियम में कहा गया है कि इसमें उन्ही ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों (Driving Training Centers) को मान्यता दी जाएगी जो जगह, ड्राइविंग ट्रैक. आईटी और बायोमेट्रिक सिस्टम और निर्धारित सिलेबस के अनुसार ट्रेनिंग से जुड़ी जरूरतों को पूरा करेंगे. ट्रेनिंग सेंटर की ओर से एक बार सर्टिफिकेट जारी होने के बाद यह संबंधित मोटर व्हीकल लाइसेंस अधिकारी के पास पहुंच जाएगा.

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