भारत के दिग्गज कारोबारी कुमार मंगलम बिड़ला के बेटे आर्यमन बिड़ला अपने पिता से कुछ ट्रिक्स सीखकर कारोबार की दुनिया में जम सकते थे, लेकिन 21 साल के इस नौजवान ने कुछ अलग करने का निश्चय किया और वे क्रिकेट के मैदान में अपनी किस्मत लिखने निकल पड़े. आर्यमन ने गुरुवार को रणजी मैच में शतक जमाकर ये साबित भी कर दिया कि वे क्रिकेट के मैदान में अपनी काबिलियत की बदौलत हैं, न कि बिड़ला सरनेम की वजह से. उन्होंने मध्य प्रदेश की तरफ से खेलते हुए बंगाल के खिलाफ टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 189 गेंद पर नाबाद 103 रन बनाए.

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आर्यमन आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के बेटे हैं और फोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक 2017 में वो भारत के 8वें सबसे धनी व्यक्ति हैं. उनकी कुल संपत्ति 12.6 अरब डॉलर या 900 अरब रुपये है. राजस्थान रॉयल्स टीम की तरफ से आईपीएल में खेलने वाले आर्यमन ने कहा, 'ऐसा कहा जा सकता है कि मेरे नाम की वजह से मुझ पर दबाव रहता है. जाहिर तौर पर मेरी एक विरासत है, जिसे मैं प्यार करता हूं. लेकिन जब आप मैदान पर खेलते हैं तो अपना फोकस सिर्फ गेंद पर रखना होता है. यहां जो है वो 22 गज की पिच ही है.'

उन्होंने कहा, 'मैं अपने आपको बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि मेरे परिवार वाले मेरे रोल मॉडल हैं. जीवन में सबकी अपनी महत्वाकांक्षाएं होती हैं. मैं सभी से सीखना चाहता हूं. मेरे माता-पिता बहुत अधिक सपोर्ट करते हैं, जो बहुत जरूरी है.' उन्होंने कहा कि ऐसा कोई पक्का नियम नहीं है कि उन्हें अपने पारिवारिक बिजनेस में शामिल होना ही पड़ेगा. आर्यमन कहते हैं, 'हर कोई किसी न किसी परिवार में जन्म लेता है. इससे किसी काम को करने में बाधा नहीं होती.'