Insurance Companies: इंश्योरेंस  रेगुलेटर  IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने के नियम आसान कर दिए है, सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक बोर्ड बैठक में IRDAI ने फैसला लिया है कि अब इंश्योरेंस कंपनियों को पूंजी जुटाने के लिए वैकल्पिक तरीकों में IRDAI की मंजूरी नहीं लेनी होगी. यानी अब बॉन्ड आदि से पूंजी जुटाने के लिए रेगुलेटरी मंजूरी नहीं लेनी होगी. इसके अलावा कॉरपोरेट एजेंसी के नियमों में भी बदलाव किया गया है. अब बैंक 3 से ज्यादा कंपनियों के प्रोडक्ट बेच सकेंगे. अभी तक एक कॉरपोरेट एजेंट एक सेगमेंट की तीन कंपनियों के साथ ही करार कर सकता था. अब तीन इंश्योरेंस कंपनियों के प्रोडेक्ट्स ग्राहकों को बेच पाएंगे. अब बैंक तीन से ज्यादा लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के प्रोडक्ट्स अपने ग्राहकों को ऑफर कर पाएंगे 

खर्चों की लिमिट होगी तय

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IRDAI की बोर्ड बैठक में  इंश्योरेंस कंपनी के खर्चों की लिमिट भी तय करने का फैसला लिया है, इंश्योरेंस कंपनियों के सभी खर्चे यानी एक्सपेंस ऑफ मैनेजमेंट की अधिकतम लिमिट तय होगी और इस लिमिट के अंतर्गत ही सभी सेगमेंट के इंश्योरेंस कारोबार की भी अधिकतम लिमिट होगी. नियम बनने पर सरकारी कंपनियों को पॉलिसी बिक्री के लिए ज्यादा मशक्कत करना होगा क्योंकि सरकारी कंपनियों के खर्च का 70% तक मैनेजमेंट खर्च  सैलरी आदी का है और प्राइवेट कंपनियों के लिए  खर्चा काफी कम है. इसलिए प्राइवेट कंपनियां ज्यादा कमीशन, रिवॉर्ड्स और विज्ञापन पर ज्यादा खर्च कर पाएंगी.

IRDAI की बोर्ड बैठक में बड़े फैसले

  • IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने के नियम आसान किए : सूत्र
  • पूंजी जुटाने के लिए वैकल्पिक तरीकों में IRDAI की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी: सू्त्र
  • बॉन्ड आदि से पूंजी जुटाने के लिए रेगुलेटरी मंजूरी नहीं लेनी होगी : सूत्र
  • कॉरर्पोरेट एजेंसी चैनल के लिए एक सेगमेंट की तीन कंपनियों की लिमिट बढाई: सू्त्र
  • बैंक एक सेगमेंट में 3 से ज्यादा कंपनियों के प्रोडक्ट बेच सकेंगे  : सूत्र 

पॉलिसी बिक्री से जुड़े सभी खर्चों की एक सीमा तय

  • सभी कमीशन की भी एक सीमा पर फैसला: सूत्र
  • पॉलिसी बिक्री से जुड़े खर्चों की सिंगल लिमिट तय 
  • नियम बनने पर सरकारी कंपनियों को पॉलिसी बिक्री के लिए ज्यादा मशक्कत करना होगा
  • अभी ऑपरेटिंग खर्च और कमीशन खर्च की अलग अलग सीमा है
  • सरकारी कंपनियों के खर्च का 70% तक मैनेजमेंट, ऑपरेटिंग खर्च निजी में 30%  
  • निजी कंपनियां ज्यादा कमीशन, रिवॉर्ड्स और विज्ञापन पर ज्यादा खर्च कर पाएंगी
  • PSU जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का 39% मार्केट शेयर