इंडियन पासपोर्ट दुनिया में सबसे ताकतवर पासपोर्ट की लिस्ट में शामिल है. साथ ही हम भारतीय बिना वीजा के लिए 59 देशों में ट्रैवल कर सकते हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन पासपोर्ट पर कुछ देशों में वीजा ऑन अराइवल की सुविधा भी उपलब्ध है. लेकिन, क्या आपको पता है कि भारत में ही तीन तरह के पासपोर्ट होते हैं. इनके बिना विदेश जाना नामुमकिन है. साथ ही तीनों का अलग-अलग महत्व होता है. विदेश जाने के अलावा यह महत्वपूर्ण आईडी/अड्रेस प्रूफ के लिए इस्तेमाल किया जाता है. 

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आईये जानते हैं कौन-कौन से होते हैं पासपोर्ट और क्या है इनका महत्व....

रंग के आधार पर पासपोर्ट

1. नीला: रेग्युलर और तत्काल. साधारण लोगों के लिए.

किसके लिए होता है नीला रंगः नीले रंग का पासपोर्ट इंडिया के आम नागरिकों के लिए बनाया जाता है. नीला रंग इंडियंस को रिप्रजेंट करता है और इसे ऑफिशियल और डिप्लोमैट्स से अलग रखने के लिए सरकार ने यह अंतर पैदा किया है. इससे कस्टम अधिकारियों या विदेश में पासपोर्ट चेक करने वालों को भी आइडेंटिफिकेशन में आसानी होती है.

डिटेल्सः पासपोर्ट में जारी किए गए शख्स का नाम होता है. उसकी बर्थडेट, बर्थप्लेस का जिक्र होता है. साथ ही उसकी फोटो, सिग्नेचर और उससे जुड़ी कुछ और जानकारियां मौजूद होती हैं. पासपोर्ट को एक शख्स की पहचान के सबसे पुख्ता दस्तावेज के तौर पर देखा जाता है. जब एक शख्स को पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है तो वो शख्स उस पर दूसरे देश का वीजा लगवाकर यात्रा कर सकता है.

2. सफेद: ऑफिशल. सरकारी कामकाज से विदेश जाने वालों के लिए.

किसके लिए होता है सफेद रंगः सफेद रंग का पासपोर्ट गर्वनमेंट ऑफिशियल को रिप्रजेंट करता है. वह शख्स जो सरकारी कामकाज से विदेश यात्रा जाता है उस यह पासपोर्ट जारी किया जाता है. यह ऑफिशियल की आइडेंटिटी के लिए होता है. कस्टम चेकिंग के वक्त उन्हें वैसे ही डील किया जाता है.

डिटेल्सः सफेद पासपोर्ट के आवेदक को पासपोर्ट पाने के लिए एक अलग से ऐप्लीकेशन देनी पड़ती है जिसमें बताना होता है कि आखिर उसको इस तरह के पासपोर्ट की जरुरत क्यों है? सफेद पासपोर्ट रखने वालों को कुछ सुविधाएं भी मिलती है.

3. मरून: डिप्लोमैटिक. भारतीय डिप्लोमैट्स और सीनियर सरकारी अधिकारियों के लिए.

किसके लिए होता है मरून रंगः इंडियन डिप्लोमैट्स और सीनियर गर्वनमेंट ऑफिशियल्स(आईपीएस, आईएएस रैंक के लोग) को मरून रंग का पासपोर्ट जारी किया जाता है. हाई क्वालिटी पासपोर्ट के लिए अलग से ऐप्लीकेशन दी जाती है. इसमें उन्हें विदेशों में एमबेंसी से लेकर यात्रा के दौरान तक कई सुविधाएं दी जाती हैं. साथ ही देशों में जाने के लिए वीजा की जरुरत नहीं पड़ती तो साथ ही इमिज्रेशन भी सामान्य लोगों की तुलना में काफी जल्दी और आसानी से हो जाता है.

डिटेल्स: डिप्लोमेटिक पासपोर्ट उन लोगों को जारी किया जाता है जो भारतीय उच्चायोग के अधिकारी होते हैं या फिर सरकार के प्रतिनिधी. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का रंग भी सामान्य पासपोर्ट से अलग इसलिए ही रखा जाता है. इससे उनकी पहचान अलग से की जा सकती है. इसके लिए अलग ऐप्लीकेशन इसलिए देनी होती है कि जिसमें बताना होता है कि आखिर उसको डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की जरुरत क्यों है? विदेश में ऐसे पासपोर्ट धारक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना भी आसान नहीं रह जाता.

बनने की अवधि के आधार पर

1. सामान्य: 10-20 दिन

2. तत्काल: 3-7 दिन (इसका 2000 रु. ज्यादा खर्च है)

अगर आपको तुरन्त पासपोर्ट की जरूरत है तो एक हफ्ते के भीतर तत्काल पासपोर्ट बनाने की भी सुविधा है. रेग्युलर पासपोर्ट की तरह ही इसमें सारी जानकारियां ऑनलाइन भरनी होती हैं. इससे अलग आवेदक को एनेग्जर-आई भरना होता है, जिसमें वह अपने बारे में सारी घोषणा करता है. दूसरे एक फर्स्ट क्लास गजेटेड ऑफिसर की तरफ से वेरिफिकेशन देना होता है. वह ऑफिसर वेरिफाई करता है कि वह आवेदक को जानता है. तत्काल पासपोर्ट अप्लाई करने के तीन से सात दिन के अंदर मिल जाता है, जबकि सामान्य कैटिगरी का पासपोर्ट बनने में 10 से 13 दिन लगते हैं. इसके बाद रजिस्टर्ड डाक से पासपोर्ट को आवेदक के घर भेजा जाता है.

पेजों के आधार पर

1. 36 पेज (बच्चों को 36 पेज की ही बुकलेट इशू होती है)

2. 60 पेज

वैलिडिटी के आधार पर

1. 10 साल: सामान्य अडल्ट का पासपोर्ट 10 साल के लिए बनता है.

2. वयस्क होने तक: 18 साल से कम उम्र वालों का 5 साल या 18 साल का होने तक में जो भी कम हो, उसके लिए बनता है. 15 साल के किशोर 10 साल के लिए भी सामान्य पासपोर्ट बनवा सकते हैं.

कौन बनवा सकता है

- कोई भी भारतीय नागरिक.

- एक दिन की उम्र के बच्चे से लेकर किसी भी उम्र के लोग.

- पैरंट्स का पासपोर्ट होने पर बच्चे का पासपोर्ट सिर्फ ऐफिडेविट के आधार पर बनाया जा सकता है.

कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी

ऐज प्रूफ: बर्थ सर्टिफिकेट या 10वीं क्लास के पास सर्टिफिकेट की सेल्फ अटेस्टेड फोटो कॉपी. जिन लोगों के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें फर्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट (एसडीएम और सीनियर अफसर) से अटेस्टेड सर्टिफिकेट की कॉपी लगानी होती है.

अड्रेस प्रूफ: आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक या स्टेटमेंट, ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस पॉलिसी, जरनल पावर ऑफ अटर्नी, बिजली-पानी आदि के बिल की सेल्फ अटेस्टेड फोटो कॉपी. किराए के मकान में रहनेवालों को रजिस्टर्ड रेंट अग्रीमेंट के साथ एक और प्रूफ देना होता है. दूसरे प्रूफ के तौर पर पैन कार्ड, पासबुक, डीएल आदि की कॉपी दे सकते हैं.

आईडी प्रूफ: पैन कार्ड, आधार कार्ड, फोटो लगी पासबुक.

लेटेस्ट फोटो: फोटो पासपोर्ट सेवा केंद्र में ही खींचा जाता है.

कितनी है फीस

  • 1500 रुपए: 10 साल की वलिडिटी वाला 36 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर.
  • 2000 रुपए: 10 साल की वलिडिटी वाला 60 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर.
  • 3500 रुपए: तत्काल स्कीम के तहत 10 साल की वलिडिटी वाला 36 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर.
  • 4000 रुपए: तत्काल स्कीम के तहत 10 साल की वलिडिटी वाला 60 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर.
  • 3000 रुपए: पासपोर्ट खोने, चोरी होने आदि होने पर 36 पेज का ड्यूप्लिकेट पासपोर्ट बनवाने पर.
  • 3500 रुपए: पासपोर्ट खोने, चोरी होने आदि होने पर 60 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने पर. 
  • 1000 रुपए: 18 साल से कम उम्र वालों के लिए.