Salary hike: कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के झटके के बावजूद भारतीय कंपनियों (Indian companies) ने शानदार जुझारू क्षमता का प्रदर्शन किया है. एक सर्वे में कहा गया है कि महामारी के झटके के बावजूद भारतीय कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 8.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेंगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, वहीं अगले साल यानी 2022 में सैलरी में बढ़ोतरी 9.4 प्रतिशत रहेगी.

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साल 2022 को लेकर ज्यादातर कंपनियां पॉजिटिव 

खबर के मुताबिक, एऑन की तरफ से मंगलवार को जारी 26वें सालाना वेतन बढ़ोतरी सर्वे में कहा गया है कि साल 2022 को लेकर ज्यादातर कंपनियां पॉजिटिव हैं. अगले साल 98.9 प्रतिशत कंपनियां अपने कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करेंगी. वहीं साल 2021 में 97.5 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों का सैलरी बढ़ाने की बात कही है. सर्वे में कहा गया है कि अलग-अलग क्षेत्रों की धारणा पॉजिटिव है और भारतीय कंपनियां रिवाइवल की राह पर हैं. ज्यादातर कंपनियों का मानना है कि 2021-22 में सैलरी ग्रोथ 2018-19 के लेवल पर पहुंच जाएगी.

वित्तीय सेहत और अर्थव्यवस्था में तेजी का मजबूत संकेत

एऑन के मानव पूंजी कारोबार में भागीदार रूपंक चौधरी ने कहा कि यह वित्तीय सेहत और अर्थव्यवस्था में तेजी का मजबूत संकेत है. स्पष्ट रूप से चीजें बेहतर हो रही हैं. साल 2020 में सैलरी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत रही थी. साल 2021 में इसके 8.8 प्रतिशत और साल 2022 में 9.4 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है. यह साल 2018 और साल 2019 के महामारी-पूर्व के लेवल के बराबर होगा.

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महामारी की वजह से कंपनियों की डिजिटल यात्रा तेज

सर्वे में कहा गया है कि महामारी की वजह से कंपनियों की डिजिटल यात्रा तेज हुई है और इससे कम समय में डिजिटल प्रतिभाओं के लिए ‘जंग’ छिड़ी है. इससे सैलरी बजट बढ़ रहा है और साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी बदलने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. चौधरी ने कहा कि कंपनियों को अपनी प्रतिभा रणनीति को नए सिरे से परिभाषित करना होगा जिससे वे इस ‘जंग’ में टिकी रह सकेंगी. उन्होंने कहा कि परंपरागत और गैर-परंपरागत क्षेत्रों की भारतीय कंपनियां डिजिटल क्षमताओं में निवेश कर रही हैं ताकि वे ग्रोथ की रफ्तार को कायम रख सकें.