हड़ताल पर रहे सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के करीब 40 हजार कर्मचारी, कहा- 55 महीने बाद भी पूरी नहीं हुई मांग
Wage revision: हजारों कर्मचारियों ने अगस्त 2017 से लंबित वेतन संशोधन (Wage revision) को जल्द लागू करने की मांग की है. इनका कहना है कि सरकारी बैंक और LIC समेत सभी कर्मचारियों का वेज रिवीजन लागू हो चुका है.
Wage revision: सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के करीब 40 हजार कर्मचारी आज (22 जनवरी, 2022) हड़ताल पर रहे. इस वजह से देश भर में मौजूद इन कंपनियों के ज्यादातर दफ्तर बंद रहे. ज्वाइंट फोरम ऑफ ट्रेड यूनियन और एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया था. इस वजह से ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और न्यू इंडिया इंश्योरेंस के अधिकांश ऑफिस बंद रहे.
2017 से लंबित है मांग
हजारों कर्मचारियों ने अगस्त 2017 से लंबित वेतन संशोधन (Wage revision) को जल्द लागू करने की मांग की है. इनका कहना है कि सरकारी बैंक और LIC समेत सभी कर्मचारियों का वेज रिवीजन लागू हो चुका है. वहीं 55 महीने बाद भी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हुई है. हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि वो आज भी 2012 के लेवल की सैलरी पर काम कर रहे हैं.
वेज रिवीजन को लेकर हड़ताल
इन्होंने अगस्त 2017 से लंबित वेज रिवीजन को तुरंत लागू करने के अलावा NPS में कर्मचारियों का योगदान बढ़ाने की भी मांग की. वहीं फैमिली पेंशन, पब्लिक सेक्टर जनरल इंश्योरेंस में 30 प्रतिशत की समानता लाने की मांग की. वहीं बीमा संशोधन बिल और पब्लिक सेक्टर जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का विरोध भी उनके मुद्दे में शामिल रहा.
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हर 5 साल में होता है वेतन संशोधन
सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में हर 5 साल में वेतन संशोधन होता है लेकिन मौजूदा Wage revision 1 अगस्त 2017 से लंबित पड़ा है. इन कंपनियों के कर्मचारी काफी समय ये मांग कर रहे है क्योंकि सरकारी बैंकों के अलावा LIC में भी ये हो चुका है. देश में ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और न्यू इंडिया इंश्योरेंस 4 सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं. 2021 के बजट में वित्त मंत्री ने एक कंपनी के प्राइवेटाइजेशन का भी एलान किया था. जिससे जुड़ा बीमा संशोधन बिल भी संसद से पारित हो चुका है.