अगर आप सोचते हैं कि ट्रैक्टर बहुत महंगा आता है और इसे खरीदना आम किसान के बस में नहीं है, तो अब इस सोच को बदलने का वक्त आ गया है. साइंस और टेक्नालॉजी मिनिस्ट्री के तहत आने वाले काउंसिस ऑफ साइंस एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) छोटे खेतों के लिये कम पॉवर वाले इलेक्ट्रानिक ट्रैक्टर का विकास कर रहा है. ये ट्रैक्टर घरेलू बाजार में सबसे सस्ता होगा और इसकी कीमत एक लाख रुपये से थोड़ा अधिक होगी.

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सीएसआईआर पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर कारखाने में इस ट्रैक्टर का टेस्ट करने जा रही है और उसके बाद ट्रैक्टर बाजार में उपलब्ध होगा. सीएसआईआर-सीएमईआरआई के डायरेक्टर हरीश हीरानी ने कहा, ‘‘ट्रैक्टर में लिथियम बैटरी लगी होगी. इसे एक बार पूरी तरह चार्ज करने पर ट्रैक्टर एक घंटा चलेगा.’’ 

ट्रैक्टर की लागत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसे बनाने पर करीब 1 लाख रुपये की लागत आएगी. इसलिए बाजार में इसकी कीमत 1 लाख रुपये से कुछ अधिक होगी. खेतों में सोलर चार्जिंग स्टेशन से ही इन ट्रैक्टर को चार्ज किया जा सकता है. ऐसे में खेती की लागत में भी कमी आएगी.

हरीश हीरानी ने कहा, ‘‘हम 10 एचपी के बैटरी से चलने वाले छोटे ट्रैक्टर बनाने पर काम कर रहे हैं. हम कम वजन के प्रोडक्ट बनाने पर काम कर रहे हैं जो उन किसानों के लिए फायदेमंद हों, जिनके पास छोटे खेत हैं.’’

सीएसआईआर-सीएमईआरआई इससे पहले स्वराज और सोनालिका जैसे ट्रैक्टर का विकास कर चुकी है. इससे पहले संस्था ने छोटे किसानों के लिए 10 हार्स पावर का ट्रैक्टर - कृषि शक्ति बनाया है, जिसमें डीजल इंजन है. अब इसी तर्ज पर बैटरी से चलने वाले ट्रैक्टर को बाजार में लाने की योजना है.