Covid19 vaccine 3rd dose: केंद्र सरकार की तरफ से नए साल में 15-18 साल के किशारों का वैक्‍सीनेशन के साथ-साथ बूस्‍टर डोज (प्रीकॉशन डोज) भी देनी शुरू की जा रही है. इसका मतलब कि वैक्‍सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को अब तीसरी डोज दी जाएगी. इसकी शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स से होगी. सोर्स के मुताबिक, दूसरी डोज और बूस्टर डोज (Booster Dose) के बीच का अंतर 9-12 महीने हो सकता है. दूसरी ओर, वैक्‍सीनेशन की नई कैटेगरी के रजिस्‍ट्रेशन के लिए कोविन (CoWIN) पोर्टल पर जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं. 

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सूत्र के मुताबिक, भारत के वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम में फिलहाल इस्तेमाल हो रही वैक्सीन- कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) के लिए अंतराल की बारीकियों पर काम किया जा रहा है और इस पर अंतिम फैसला जल्द ही लिया जाएगा. एक सूत्र ने कहा कि कोविड वैक्‍सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतर 9 से 12 महीने होने की संभावना है. कोविन पोर्टल पर नई कैटेगरी के वैक्‍सीनेशन के लिए बदलाव किए जा रहे हैं. बता दें, भारत की 61 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को वैक्‍सीन की दोनों डोज लग चुकी है. वहीं, करीब 90 फीसदी वयस्क आबादी को पहली डोज मिल चुकी है.

Covaxin के साथ शुरू होगा बच्‍चों का वैक्‍सीनेशन!

देश में 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्‍चों के वैक्‍सीनेशन की शुरुआत केवल कोवैक्‍सीन (Covaxin) के साथ हो सकती है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक अधिकारिक सूत्र ने बताया कि 15-18 साल के एज ग्रुप में वैक्‍सीनेशन के लिए अभी केवल कोवैक्‍सीन उपलब्‍ध होगी. इस कैटेगरी में 7 से 8 करोड़ आबादी की को कवर किया जाएगा. सूत्र ने बताया कि जायडस केडिला की वैक्‍सीन ZyCoV-D अभी तक देश के वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम में शामिल नहीं हुई है. हालांकि, इसे  20 अगस्‍त को ही ड्रग रेग्‍युलेटर से इमरजेंसी इस्‍तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. यह देश में 12-18 साल के बच्‍चों के वैक्‍सीनेशन के लिए पहली वैक्‍सीन हो सकती थी. भारत में डेवलप ZyCoV-D दुनिया की पहली DNA आधारित नीडल-फ्री कोविड19 वैक्‍सीन है. 

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फ्रंटलाइन वर्कर्स को कब से लगेगी बूस्टर डोज?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात राष्ट्र के नाम एक संबोधन में एलान किया था कि मेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज 10 जनवरी से दी जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि बूस्टर डोज अगले साल 10 जनवरी से 60 साल से अधिक उम्र के और अन्य गंभीर बीमारी वाले नागरिकों को उनके डॉक्टर की सलाह पर दी जाएगी. Booster Dose को वैक्‍सीनेशन के लिए वैक्सीन की तीसरी डोज के रूप में देखा जा रहा है लेकिन पीएम मोदी ने 'बूस्टर डोज' की जगह इसे प्रीकॉशन डोज कहा है. सरकार की तरफ से तीसरी डोज का फैसला कोरोना वायरस के Omicron वैरिएंट से जुड़े कोविड मामले बढ़ने के बीच आया है.

(INPUT: PTI)