देश भर में दूध (Milk) और दूध से बने उत्पादों की गुणवत्ता (Quality) को सुधारने के लिए, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटि ऑफ इंडिया (FSSAI) ने एक्शन प्लान जारी कर दिया है. इस एक्शन प्‍लान के तहत राज्य सरकारों के साथ मिलकर तीन दिशाओं में काम किया जा रहा है. इसमें दूध की जांच, मिलावट में रोकथाम और जागरूकता पर काम किया जाएगा. 

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एक्शन प्लान के कारण सभी राज्यों को दूध की जांच के लिए 3 मशीने दी जाएंगी. इसमें एक rapid testing equipment जिसकी मदद से दूध में पाए जाने वाला एफ्लोटॉक्सिन, एनटिबायटिक, पेस्टिसाइड, फैट, एसएनएफ, प्रोटीन, लैक्टोस, पानी की मिलावट, यूरिया-डिटर्जेंट, सक्रोज, हाईड्रोजन परऑक्साइड की जांच की जा सकती है. 

इसके अलावा दो हाई-एंड टेस्टिंग मशीनें LC-MSMS और GC-MSMS मशीने दी जाएंगी. इसकी मदद से दूथ में मौजूद एफ्लोटॉक्सिन M1, एनटिबायटिक, पेस्टिसाइड की मात्रा का पता लगाया जा सकता है. इन तीनों मशीनो की कीमत करीब 4-5 करोड़ होगी, जिसका खर्च केंद्र सरकार उठाएगी.

हाल ही में FSSAI की तरफ से देश भर में सर्वे किया गया था, जिसमें देश भर से लिए गए 41% सेंपल स्‍टैंडर्ड और क्वालिटी के मानकों पर खरे नहीं उतरे थे. साथ ही इसमें एफ्लोटॉक्सिन M1 भी बड़ी मात्रा में पाया गया था. एफ्लोटॉक्सिन M1 दूध में पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे से आता है. इसके लिए fssai, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के साथ मिलकर डेयरी किसानों को जागरुक करने की दिशा में काम कर रहा है. 

इसके बाद टेस्टिंग एंड इंस्पेक्शन स्कीम भी लागू की जाएगी, जिसके तहत 1 जनवरी 2020 से FSSAI की तरफ से दूध का ऑडिट किया जाएगा. VERIFIED MILK SCHEME के तहत देश भर के मिल्क वेंडर्स को राज्य सरकारों की तरफ से VERIFIED MILK VENDOR की आईडी दी जाएगी. 

साथ ही दूध की गुणवत्ता नापने के लिए लैक्टोमीटर और ट्रेनिंग भी दी जाएगी. वेरिफाइट मिल्क वेंडर बनने के लिए fssai के खास पोर्टल तैयार कर रहा है. देश भर में करीब 25 लाख दूध विक्रेता हैं, जिनमें से सिर्फ 5 % ही रजिस्टर्ड विक्रेता हैं. इस स्कीम के चलते ज्यादा से ज्यादा दूध विक्रेताओ को वेरिफाय करने की कोशिश की जाएगी. 

इस सब के साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों को भी जागरूक किया जाएगा जिससे लोग सिर्फ वेरिफाइड दूध विक्रेताओं से ही दूध खरीदें. इससे सीधा फायदा उपभोक्ताओं को होगा. जब आप वेरिफाइट दूध विक्रेताओं से दूध खरीदेंगे तो आप ये सुनिश्चित कर पाएंगे की आपके घर तक आने वाला दूध शुद्ध और सुरक्षित है. 

FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल ने बताया कि पैकेट वाले दूध में 5% जीएसटी लगता है. जब्कि खुले दूध में कोई जीएटी नहीं है. इस वजह से कई विक्रेताओं ने खुला दूध बेचना शुरू कर दिया है. खुले दूध में हाइजीन से लेकर क्वालिटी बनाए रखना मुश्किल होता है. इसलिए हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि वह दूध को GST से छूट दें.