बाजार में सफेद जहर का गोरखधंधा, कहीं दूध पीना बन न जाए जानलेवा!
मध्य प्रदेश के कई जगहों पर STF ने छापा मारा और यहां से नकली दूध की बड़ी खेप जब्त की गई. बड़ी बात ये कि यहां तैयार दूध-मावा की सप्लाई मध्य प्रदेश के साथ तीन अन्य राज्यों में होती थी.
मिलावटखोर नकली दूध बनाने के लिए कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं. नकली दूध में एंटीबायोटिक दवाओं का भी इस्तेमाल हो रहा है.
मिलावटखोर नकली दूध बनाने के लिए कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं. नकली दूध में एंटीबायोटिक दवाओं का भी इस्तेमाल हो रहा है.
दूध को एक कंप्लीट मील कहा जाता है. यानी दूध अपनेआप में एक पूरा आहार है. शायद इसलिए हर मां अपने बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए दूध जरूर पिलाती है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और दिमाग तेज़ होता है. बड़े-बूढ़ों से लेकर डॉक्टर्स तक रोजाना दूध पीने की सलाह देते हैं लेकिन, मिलावटखोरी और लालच ने सेहत के लिए वरदान इस सफेद दूध को काला कर दिया है. मिलावटखोरी का आलम ये कि दूध अब जहर बन गया है. STF यानी स्पेशल टास्क फोर्स ने मध्य प्रदेश में मिलावट के इस नकली खेल का भंडा-फोड़ किया है.
मध्य प्रदेश के कई जगहों पर STF ने छापा मारा और यहां से नकली दूध की बड़ी खेप जब्त की गई. बड़ी बात ये कि यहां तैयार दूध-मावा की सप्लाई मध्य प्रदेश के साथ तीन अन्य राज्यों में होती थी. यहां से नकली दूध और मावा छत्तीसगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सप्लाई होता था.
कैसे बनाते हैं नकली दूध
मिलावटखोर नकली दूध बनाने के लिए कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं. नकली दूध में एंटीबायोटिक दवाओं का भी इस्तेमाल हो रहा है. इनमें अमोनियम सल्फेट और एफ्लाटॉक्सिन एम-1 तक मिलाया जाता है. दूध में मलाई आ जाए इसके लिए अरारोट डाला जाता है. नकली दूध को सफेद करने के लिए रंग का इस्तेमाल किया जाता है. दूध का खोया बनाने के लिए उसमें ब्लॉटिंग पेपर मिलाया जाता है. इससे खोया ज्यादा, गाढ़ा और अच्छा दिखाई देता है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) July 22, 2019
इस धंधे में मोटा मुनाफा
जानकार बताते हैं कि देश में नकली दूध का कारोबार करोड़ों रुपये का है. नकली दूध बनाने की लागत सिर्फ 6-8 रुपये/लीटर आती है और यह बाजार में असली दूध की कीमत पर बिकता है. असली दूध 40 रुपये/लीटर है तो मुनाफा करीब 32-34 रुपये प्रति लीटर होता है.
जहर है नकली दूध
लालच के इस खेल में हमारी और बच्चों की सेहत दांव पर लगी है. डॉक्टर्स भी नकली दूध को धीमा जहर कहते हैं, जिसे लंबे समय तक पीने वाले को सबसे ज्यादा असर गुर्दे पर पड़ता है. नकली दूध का असर लिवर पर भी पड़ता है. फूड प्वॉइजनिंग, पेट दर्द, आंतों की सूजन हो सकती है. टाइफाइड, उल्टी, दस्त जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं. मिलावटी दूध का असर दिमाग पर भी पड़ता है. मिलावटी दूध पीने से कैंसर तक हो सकता है.
लेकिन दूध हमारी रोजमर्रा की जरूरत है, ऐसे में दूथ पीना बंद तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन थोड़ी सावधानी से इस जहर से बच सकते हैं.
07:52 PM IST