केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पढ़ाई कराने वाले 20 कोचिंग सेंटर की अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए जांच कर रहा है. इन कोचिंग सेंटर के खिलाफ यह जांच उनके भ्रामक विज्ञापनों और परीक्षाओं में टॉपर्स रहे अभ्यार्थियों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने के लिए की जा रही है.

IAS कोचिंग देने वाले संस्थानों पर जुर्माना

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20 संस्थानों में से चार- Rau's IAS Study Circle, Chahal Academy, IQRA IAS, and IAS Baba पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. भ्रामक विज्ञापनों और परीक्षाओं में सफल रहे अभ्यार्थियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर आम लोगों और विद्यार्थियों को धोखा देने के चलते जांच होगी. 

वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टिट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, एपीटीआई प्लस, एनालॉग आईएएस, शंकर आईएएस, श्रीराम आईएएस, बायजू आईएएस, अनएकेडमी, नेक्स्ट आईएएस, दृष्टि आईएएस, आईक्यूआरए आईएएस, विजन आईएएस, आईएएस बाबा, योजना आईएएस, प्लूटस आईएएस, एएलएस आईएएस, राउज आईएएस स्टडी सर्कल को नोटिस जारी किया गया है.

कोचिंग संस्थान जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर अपने छात्र के समान रैंक धारक का दावा करते हैं. सफल उम्मीदवार ने विभिन्न विषयों और प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा के लिए कई संस्थानों में कोचिंग ली होती है. ये संस्थान स्पष्ट रूप से यह नहीं बताते हैं कि वे छात्र संस्थान में किन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे थे.

भारत में कोचिंग उद्योग का मौजूदा राजस्व लगभग 58,088 करोड़ रुपये है. लगभग दो लाख छात्र सालाना राजस्थान के कोटा में जाते हैं, जबकि दिल्ली को अक्सर यूपीएससी-सीएसई कोचिंग का केंद्र माना जाता है.