त्योहार में मिठाइयों की मांग अचानक से बढ़ जाती है. लेकिन अचानक मांग बढ़ने से पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती है. ऐेसे में कारोबारी अधिक फायदे के लिए मिलावटी मिठाइयां बाजार में उतार देते हैं. इसकी पूरी संभावना है कि अगर आप ऐसी मिठाइयां खाते हैं तो आप बीमार भी पड़ सकते हैं. लेकिन कुछ घरेलू उपाय ऐसे हैं जिससे आप घर में ही इस बात का पता कर सकते हैं कि आपने जो मिठाई खरीदी है, उसमें मिलावट है या नहीं.

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त्योहार में सबसे अधिक नकली दूध, खोया या मावा की आपूर्ति होती है, क्योंकि अधिकांश मिठाइयों में इनका इस्तेमाल होता है. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के लैब एक्सपर्ट का कहना है कि लोग अपने घरों में ही नकली मिठाइयों की पहचान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि ये सभी पहचान आप घरों में इस्तेमाल होने वाले आयोडाइज्ड नमक की सहायता से कर सकते हैं. लैब एक्सपर्ट ने बताया कि कारोबारी मिठाई का वजन बढ़ाने के लिए स्टार्च मिलाते हैं. इसकी पहचान घर में की जा सकती है.

दूध की पहचान

हमारी सहयोगी टीवी चैनल जी बिजनेस की खबर के मुताबिक, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के लैब एक्सपर्ट बताते हैं कि दूध में स्टार्च इसलिए मिलाया जाता है ताकि उसे और गाढ़ा किया जा सके, ताकि लोग समझें कि दूध की क्वालिटी अच्छी है. इसमें मिलावट की पहचान के लिए कुछ चम्मच दूध को पहले गर्म करें. अब इसमें हल्का सा आयोडीन या घर में इस्तेमाल होने वाले आयोडिन युक्त नमक डालें और इसे हिलाएं. अगर दूध का रंग सफेद ही रह जाता है तो इसका मतलब है कि दूध सही है. लेकिन अगर दूध का रंग नीला पड़ने लगे तो समझ लीजिए इसमें मिलावट है.

खोए की पहचान

एक्सपर्ट के मुताबिक, मिठाइयों में मिलावट की पहचान के लिए मिठाई की थोड़ी सी मात्रा में पानी मिलाएं और इसे गरम करें. अब इसमें आयोडीन की दो-तीन बूंदे या घर में खाए जाने वाले नमक को हल्की मात्रा में इसमें डालें. कुछ क्षण बाद आप देंखेंगे कि अगर इसका रंग नीला पड़ने लगता है तो समझिए मिठाई में मिलावट है. रंग न बदलना सही की पहचान है. एक्सपर्ट बताते हैं कि मिठाइयों पर इस्तेमाल होने वाले सिल्वर पेपर की जगह एल्युमीनियम पेपर का इस्तेमाल होता है. साथ ही आपको गहरे रंग में बिक रही मिठाइयों के प्रति भी सतर्कता रखनी चाहिए.