संसद में आम बजट पेश करने से पहले सभी की निगाहें वित्त मंत्री पर टिकी होती हैं. बजट से पहले वित्त मंत्री की एक-एक बात, उनकी एक-एक गतिविधियों में बजट के फैसलों को पढ़ने की कोशिश की जाती है. इस तरह बजट के समय देश में वित्त मंत्री से बड़ा सेलिब्रिटी कोई नहीं होता. वित्त मंत्री जब बजट दस्तावेज लेकर संसद की सीढ़ियां चढ़ते हैं, तो इस नजारे को कैद करने के लिए हजारों कैमरे वहां बेसब्र होते हैं.

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किसी भी वित्त मंत्री के लिए बजट पेश करना एक लाइफ टाइम इवेंट होता है. जरा सोचिए अगर किसी को ये मौका एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पूरे 10 बार मिला हो, तो ये कितनी बड़ी उपलब्धि है. ये रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है, जिन्होंने सबसे ज्यादा 10 बार देश का आम बजट पेश किया है.

किसने पेश किया आजाद भारत का पहला बजट

आजाद भारत का पहला बजट वित्त मंत्री आरके शानमुखम चेट्टी ने पेश किया. ये अंतरिम बजट था. इसके बाद मोरारजी देसाई जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री रहे. मोरारजी देसाई के बाद दूसरा स्थान पी चिदंबरम का है, जिन्होंने 9 बार संसद में बजट पेश किया. इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 8 बार संसद में बजट पेश कर चुके हैं. इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए 1969 में वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला और इस तरह वे देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं.

और भी हैं लिस्ट में शामिल

यशवंत सिन्हा, यशवंतराव चव्हान और सीडी देशमुख ने 7 बार बजट पेश किया है. इसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह का स्थान है, जिन्हें 6 बार ये अवसर मिला. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 5 बार आम बजट पेश किया. पिछली मोदी सरकार का आखिरी बजट (अंतरिम बजट 2019) पीयूष गोयल ने पेश किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को अपना पहला बजट पेश करेंगी. इसके साथ ही आजाद भारत के इतिहास में बजट पेश करने वाली वे दूसरी महिला बन जाएंगी.

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राजीव गांधी भी लिस्ट में शामिल

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वीपी सिंह के पार्टी से अलग होने के बाद 1988-89 का बजट पेश किया. इस तरह वे अपनी मां और नाना के बाद तीसरे प्रधानमंत्री बनें, जिन्होंने बजट पेश किया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कई बजट पेश किए, हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए एक भी बजट पेश नहीं किया और ये काम अपने वित्त मंत्री के जिम्मे छोड़ दिया. हालांकि ये माना जाता है कि उनके 10 साल के प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान पेश हुए बजट में उनकी छाप जरूर रही होगी.