Loan EMI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के करोड़ों लोन लेने वालों बड़ा तोहफा दिया है. आरबीआई (RBI) ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से कहा है कि ब्याज दरें (Interest Rates) नए सिरे से तय करते समय वे लोन ले रखे ग्राहकों को ब्याज की फिक्स्ड दर चुनने का विकल्प उपलब्ध कराएं. केंद्रीय बैंक ने जारी अधिसूचना में कहा कि ऐसा देखने में आया है कि ब्याज दर बढ़ने पर लोन की अवधि या मासिक किस्त (EMI) बढ़ा दी जाती है और ग्राहकों को इसके बारे में सही तरीके से सूचित नहीं किया जाता है और न ही उनकी सहमति ली जाती है. इस चिंता को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ने अपने नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों को एक उचित नीतिगत ढांचा बनाने को कहा है.

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रिजर्व बैंक ने कहा, लोन की मंजूरी के समय बैंकों को अपने ग्राहकों को साफ तौर पर बताना चाहिए कि मानक ब्याज दर (Interst Rate) में बदलाव की स्थिति में ईएमआई (EMI) या लोन की अवधि पर क्या प्रभाव पड़ सकता है. ईएमआई या लोन की अवधि बढ़ने की सूचना उचित माध्यम से तत्काल ग्राहक को दी जानी चाहिए.

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बैंक ग्राहकों को दे विकल्प

केंद्रीय बैंक ने कहा कि ब्याज दरों को नए सिरे से तय करते समय बैंक ग्राहकों को फिक्स्ड ब्याज दर (Fixed Interest Rate) को चुनने का विकल्प दें. इसके अलावा नीति के तहत ग्राहकों को यह भी बताया जाए कि उन्हें लोन की अवधि के दौरान इस विकल्प को चुनने का अवसर कितनी बार मिलेगा. साथ ही लोन लेने वाले ग्राहकों को EMI या Loan की अवधि बढ़ाने या दोनों विकल्प दिए जाएं.

ग्राहकों को मिले ये सुविधा

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ग्राहकों को समय से पहले पूरे या आंशिक रूप से लोन के भुगतान की मंजूरी दी जाए. यह सुविधा उन्हें कर्ज के अवधि के दौरान किसी भी समय मिलनी चाहिए. बता दें कि आरबीआई (RBI) ने पिछले हफ्ते पेश मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI MPC) में लोन लेने वाले लोगों को फ्लोटिंग ब्याज दर (Floating Interest Rates) से फिक्स्ड ब्याज दर (Fixed Interest Rates) का विकल्प चुनने की अनुमति देने की बात कही थी.

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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास  (Shaktikanta Das) ने कहा था कि इसके लिए एक नया फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है. इसके तहत बैंकों को लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन की अवधि और मासिक किस्त (EMI) के बारे में साफ जानकारी देनी होगी.

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(भाषा इनपुट के साथ)