Wheat Auction: भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने खुले बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में बढ़ोतरी को कम करने के उद्देश्य से ई-नीलामी के जरिए 48 एलएमटी से अधिक गेहूं खुले बाजार में बेचा है. 25 ई-नीलामी में ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (D) के तहत 48.12 एलएमटी गेहूं खुले बाजार में बेचा गया. ई-नीलामी (e-Auction) के दौरान बोलीदाताओं को 1 से 2000 एमटी तक की किसी भी मात्रा में चावल के लिए बोली लगाने की मंजूरी थी.

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वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) 2023-24 में, अब तक 237.43 एलएमटी चावल के बराबर 354.22 एलएमटी धान की खरीद की जा चुकी है. बता दें कि गेहूं और चावल की कीमतों में बढ़ोतरी के रुझान को कम करने के उद्देश्य से खुले बाजार में गेहूं और चावल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम (FCI) वीकली ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं और चावल को बाजार में उतार रहा है. खुले बाजार में गेहूं उतारने का वर्तमान चरण 28.06.2023 से शुरू हुआ.

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गेहूं

भारत सरकार ने OMSS (D) के तहत उतारने के लिए 101.5 एलएमटी गेहूं आवंटित किया है,. एफएक्यू गेहूं और यूआरएस गेहूं के लिए रिजर्व प्राइस क्रमशः 2150 रुपये प्रति क्विंटल और 2125 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है. 14.12.23 तक कुल 25 ई-नीलामी आयोजित की गई हैं, जिसमें 48.12 एलएमटी गेहूं खुले बाजार में बेचा गया है.

इसके अलावा, भारत सरकार गेहूं को आटा में परिवर्तित करने और उस आटे को आम जनता को 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं के एमआरपी पर बेचने के लिए नफेड/एनसीसीएफ/केन्द्रीय भंडार/एमएससीएमएफएल जैसी अर्ध-सरकारी/सहकारी एजेंसियों को भी 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम के दर से गेहूं उपलब्ध करा रही है. इन एजेंसियों द्वारा दिनांक 14.12.23 तक 86084 एमटी गेहूं का उठाव किया जा चुका है.

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चावल

एफसीआई (FCI) के पास उपलब्ध चावल की अच्छी खरीद और स्टॉक का उपयोग पीडीएस की आवश्यकता को पूरा करने के साथ-साथ बाजार में हस्तक्षेप के लिए भी किया जाएगा. चावल के लिए, भारत सरकार ने OMMS (D) के तहत 3100 रुपये प्रति क्विंटल के रिजर्व प्राइस के साथ 25 एलएमटी आवंटित किया. ई-नीलामी के माध्यम से, मूल्य स्थिरीकरण निधि द्वारा कवर की गई लागत में 200 रुपये प्रति क्विंटल के अंतर के साथ 2900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर चावल की पेशकश की जाती है.

बता दें कि 14.12.23 तक 1.19 एलएमटी चावल खुले बाजार में निजी व्यापारियों और थोक खरीदारों को बेचा गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में पर्याप्त बढ़ोतरी है. एफसीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों ने व्यापक विज्ञापन के माध्यम से इस पहल को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया. यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित विज्ञापन किया जा रहा है कि ओएमएसएस (डी) नीति का लाभ आम जनता को मिल सके. चावल के व्यापार एवं प्रसंस्करण में शामिल सभी व्यापारी और कोई भी व्यवसायी एफसीआई/एम-जंक्शन पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ऐसी ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं.

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हालांकि, अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु बोलीदाताओं को अब 1 से 2000 एमटी तक चावल की किसी भी मात्रा के लिए बोली लगाने की मंजूरी है. केन्द्रीय पूल के तहत पेश किया जाने वाला चावल उत्कृष्ट गुणवत्ता का है और बाजार में उपभोक्ताओं के लिए आसान और किफायती उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु व्यापारियों को ई-नीलामी में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है.