New vehicle scrappage policy: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister) ने नई वाहन कबाड़ नीति का ऐलान कर दिया है. लोकसभा में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी (vehicle scrappage policy) को ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण सुधार करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और पेट्रोल-डीजल की खपत कम होगी. साथ ही तेल आयात में भी कमी आएगी.

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नितिन गडकरी ने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर (Indian auto industry) 4.50 लाख करोड़ रुपये का है और अगले 5 सालों में यह बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है. उन्होंने दावा किया कि पांच साल में हिन्दुस्तान का ऑटोमोबाइल सेक्टर दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच जाएगा.

दुनिया की टॉप पॉलिसी (vehicle scrappage policy)

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्क्रैप पॉलिसी को जर्मनी, ब्रिटेन, जापान जैसे देशों के विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर तैयार किया गया है. इसे आम लोगों के सुझावों के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा.

करीब 1 करोड़ वाहन दायरे में (old vehicles)

नितिन गडकरी ने कहा कि इस नीति के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे.

उन्होंने कहा कि इसके तहत 15 लाख मध्यम और भारी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और वर्तमान में इनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है.

नीति एक फायदे अनेक (Indian auto industry)

वाहन स्क्रैपिंग नीति के फायदों का उल्लेख करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इससे कबाड़ धातु का रिसाइक्लिंग हो सकेगा, सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी, मौजूदा वाहनों की बेहतर दक्षता के कारण ईंधन की खपत कम होगी जिससे तेल आयात में कमी आएगी और निवेश को गति मिलेगी.

उन्होंने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा. इसके अलावा, प्लास्टिक, स्टील और तांबे जैसी रिसाइक्लिंग सामग्री का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है और इस प्रकार वाहनों की लागत कम हो सकती है.

कम होगा प्रदूषण (Reduce pollution)

गडकरी ने कहा कि पुराने वाहन अधिक प्रदूषण करते हैं. ये फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषण करते हैं. इसलिए स्क्रैप ऐसी विन-विन पॉलिसी (Win Win Policy) होगी जिससे आम आदमी को ज्यादा फायदा होगा. प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल-डीजल पर होने वाले खर्च में कमी आएगी. 

डी-रजिस्टर होंगे पुराने वाहन (old vehicles be de-registered)

नितिन गडकरी ने कहा कि नई नीति के तहत 15 साल बाद कमर्शियल वाहन (Commercial vehicles) और 20 साल बाद प्राइवेट वाहन खुद ही डी-रजिस्टर कर दिए जाएंगे. केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगरपालिका या सार्वजनिक संस्थानों के वाहन 15 साल बाद डी-रजिस्टर हो जाएंगे. डी-रजिस्टर (de-registered) होने के साथ ही वाहनों को स्क्रैप (scrapped) भी कर दिया जाएगा. 

बढ़ेगी वाहनों की बिक्री

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग से देश में वाहन बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा, जो वाहन उद्योग को बढ़ाएगा.

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