खरीफ फसलों (Kharif Crops) की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हो रही है, लेकिन इससे पहले कई राज्यों में खरीद होने भी लगी है. सरकारी खरीद केंद्र (procurement centre) पर अपना धान लेकर आ रहे किसानों को पेमेंट की कोई समस्या न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support price-MSP) पर फसल खरीद के लिए फंड जारी करना शुरू कर दिया है. 

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राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) ने हरियाणा, तेलंगाना (Telangana) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ धान की खरीद के लिए पहली किस्त के रूप में 19,444 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. समय पर उठाए गए इस कदम से राज्य एजेंसियों को तुरंत खरीद अभियान शुरू करने में मदद मिलेगी.

एनसीडीसी (NCDC) केंद्रीय कृषि मंत्रालय का एक वित्तपोषण संगठन है. 

एनसीडीसी ने छत्तीसगढ़, हरियाणा (Haryana) और तेलंगाना में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीफ धान खरीद के लिए पहली किस्त के रूप में 19,444 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है.

जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ को सबसे ज्यादा 9,000 करोड़ रुपये मिले हैं. हरियाणा को 5,444 करोड़ रुपये और तेलंगाना को 5,500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

एनसीडीसी के प्रबंधन निदेशक संदीप नायक ने कहा कि निगम किसानों को बेहतर कीमत देने के लिए राज्यों को अधिक सहायता देने को तैयार है, ताकि एमएसपी पर फसल खरीद का काम सुचारू रूप से चले.

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केन्द्र सरकार ने इस खरीफ सीजन (2020-21) में 495 लाख टन (49.5 मिलियन टन) धान खरीद का लक्ष्य रखा है. सरकार ने इस साल धान के समर्थन मूल्य में 53 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी. इस समय धान का एमएसपी 1868 रुपये प्रति क्विंटल है. पिछले साल लगभग 420 लाख टन धान की खरीद की थी जिसको इस साल बढ़ाकर 495 लाख टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.