नए साल शुरू होते ही मोदी सरकार एक्शन में नजर आ रही है. चुनावी साल में सरकार किसानों पर फोकस कर रही है. एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार बजट भी कृषि आधारित हो सकता है. लेकिन, इससे पहले ही मोदी सरकार ने एक योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. सरकार जल्द ही किसानों को खेती के लिए हर सीजन में चार हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद करेगी. यह पैसा सीधे उनके बैंक खातों में डाला जाएगा. सरकार इसी हफ्ते इस योजना का ऐलान कर सकती है. हालांकि, इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा, लेकिन यह कर्जमाफी से पड़ने वाले बोझ के मुकाबले काफी कम होगा. 

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ब्याज मुक्त लोन भी देगी सरकार

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, किसानों को आर्थिक मदद देने और 2022 तक की उनकी आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है. सूत्रों की मानें तो हर महीने आर्थिक मदद के अलावा सरकार किसानों को एक लाख तक ब्याज मुक्त लोन देगी. आपको बता दें, पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि मंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात की थी. उसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि किसानों के लिए कर्जमाफी का ऐलान हो सकता है. लेकिन, सरकार ने इस आशंकाओं को खारिज कर दिया.

कितना पड़ेगा सरकार पर बोझ

किसानों की आर्थिक मदद करने से सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ पड़ेगा. एक आंकड़े के मुताबिक, सरकार करीब 2.30 लाख करोड़ रुपए पड़ेगा. इसमें 70 हजार करोड़ की खाद सब्सिडी समेत अन्य छोटी स्कीमों को भी शामिल किया जा सकता है. तीन राज्यों में मिली हार के बाद मोदी सरकार किसानों पर ज्यादा फोकस कर रही है. 2019 में फिर से सत्ता में वापसी के लिए सरकार ने किसानों को बड़ी सौगातें देने का फैसला लिया है.

किसान नेताओं से मिलेंगे PM मोदी

सूत्रों की मानें तो सरकार इसी हफ्ते किसानों के लिए बड़े ऐलान कर सकती है. इसके लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी किसान नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं. वहीं, फैसले को अंतिम रूप देने के लिए PMO और नीति आयोग में लगातार बैठक चल रही हैं. इनमें राजस्व विभाग से लेकर व्यय, रसायन और उर्वरक समेत कई मंत्रालयों के अधिकारियों को शामिल किया गया है. 

किसानों को डबल फायदा

किसानों को फसल के लिए 4,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद दी जाएगी. इसके अलावा ब्याजमुक्त फसल लोन की सीमा को 50,000 रुपए प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 लाख रुपए तक प्रति हेक्टेयर किया जाएगा. अभी तक 4 फीसदी ब्याज दर की सब्सिडी दर पर किसानों को फसल ऋण मिलता था. योजना के तहत, बैंक 1 लाख रुपए तक के ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेंगे.

बैंक नहीं दे रहे थे लोन

कर्जमाफी के हो रहे ऐलानों के बीच कई बैंकों ने किसानों को ऋण देना बंद कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि नई योजना किसानों के लिए रास्ते खोलेगी और उपज को पैदा करने में कम लागत आएगी, लेकिन बढ़ते बैड लोन चिंता का विषय बने हुए हैं. कृषि क्षेत्र में बैंकों के पास लगभग 3 लाख करोड़ का बैड लोन है. केंद्र ने 2017-18 में 10 लाख करोड़ रुपए के कृषि ऋण के लक्ष्य को निर्धारित किया था, जिसे हासिल किया गया था. इसमें से 70 फीसदी फसल ऋण के रूप में बांटा गया है. 

शर्त के साथ मिलेंगे 4000 रुपए

नई योजना के तहत किसानों को सीधे खाते में आर्थिक मदद मिलेगी. लेकिन, इसके लिए किसानों को सरकार को कुछ जरूरी जानकारियां देनी होंगी. इसमें- उपज को बेचने का समय, खरीददार की डिटेल, उसका आधार कार्ड, फसल की मात्रा, जमीन का विवरण अन्य. इन सभी डेटा को फसल की बिक्री के समय इकट्ठा किया जाएगा. केंद्र सरकार की यह योजना तेलंगाना सरकार की योजना से अलग होगी. तेलंगाना में किसानों को फसल के सीजन से पहले ही 4000 रुपए प्रति एकड़ मिल जाते हैं.