Balmer Lawrie disinvestment: डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम-DIPAM) से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार ने बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड (Balmer Lawrie & Co. ltd) के विनिवेश (disinvesting) की प्रक्रिया तेज कर दी है. 

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आधिकारी सूत्रों के मुताबिक, विनिवेश प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए 10-12 दिन के भीतर अंतर-मंत्रालयी समूह की बैठक होने की संभावना है. 

एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने की तैयारी (SBI Capital Markets)

एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड (SBI Capital Markets) और DIPAM ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत (NITI Aayog CEO Amitabh Kant) की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी में इस बारे में एक प्रजेंटेशन भी देंगे. एसबीआई कैप मार्केट्स (SBI Cap Markets) को प्रजेंटेशन में कुछ सुधार करने को कहा गया है.

जानकार बताते हैं कि बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड के 8 कारोबार को अलग-अलग बेचा जाएगा. अंतर-मंत्रालयी समूह की बैठक की बैठक के बाद दीपम विनिवेश की प्रक्रिया को फाइनल करने की तैयारी शुरू कर देगा. विनिवेश की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए एक सलाहकार भी नियुक्त किया जाएगा. 

बीपीसीएल के बाद बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड, पेट्रोलियम मंत्रालय का दूसरा पीएसयू है जिसकी बिक्री की जाएगी. बामर लॉरी में सरकार की भागीदारी 59.67 फीसदी है और कंपनी में 1,076 कर्चमारी कार्यरत हैं.

बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड (Balmer Lawrie & Co. Ltd)

बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड (Balmer Lawrie & Co. Ltd) भारत सरकार का एक उपक्रम है. यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन काम करता है. बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड औद्योगिक पैकेजिंग, बैरल और ड्रम, रसोई गैस के सिलेंडर, ग्रीस, चमड़े के रसायन और समुद्री माल-वाहक कंटेनरों का निर्माण करती है. यहां चाय का निर्यात और व्यापार, यात्रा, पर्यटन और माल तथा इंजीनियरिंग सेवाओं जैसे कि ऊर्जा संबंधी लेखा और परामर्श तथा माल-वाहक कंटेनर की मरम्मत जैसी विशाल परियोजनाओं पर भी काम किया जाता हैं.

बामर लॉरी ने अपना औद्योगिक सफर कोलकाता से फरवरी 1867 को एक साझेदारी कंपनी के रूप में शुरु किया जिसकी स्थापना स्कॉटलैंड के दो निवासियों - जॉर्ज स्टीफेन बामर तथा अलेक्जेंडर लॉरी ने की थी.

चाय से लेकर नौवहन, बीमा से लेकर बैंकिंग, ट्रेडिंग से लेकर विनिर्माण - शायद ही कोई ऐसा व्यापार होगा जिसमें बामर लॉरी ने अपने शुरुआती सालों में हाथ नहीं डाला हो. 

बामर लॉरी 1924 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और 1936 में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनी. 1972 में राष्ट्रीयकरण किए जाने से बामर लॉरी एक सरकारी कंपनी बन गई.

सरकार ने इस साल के बजट में 2.1 ट्रिलियन रुपये के विनिवेश का लक्ष्य (disinvestment target) निर्धारित किया है. 

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