GST काउंसिल की 40वीं बैठक की तारीख तय हो गई है. बैठक को इसलिए अहम माना जा रहा है क्‍योंकि इसमें 3 बड़े मुद्दों पर फैसला होने की उम्‍मीद है. सूत्रों की मानें तो बैठक में राज्‍यों को GST की भरपाई के लिए बाजार से Loan लेने पर फैसला हो सकता है. इसके अलावा अगस्त 2017 से जनवरी 2020 तक के लिए GST return दाखिल नहीं करने पर लगने वाली Late fees को माफ करने पर चर्चा हो सकती है.

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तीसरा मुद्दा केंद्र सरकार को tax से होने वाली आय का है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी परिषद की 40वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी. इसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी भाग लेंगे. 

सूत्रों ने बताया कि बैठक में coronavirus mahamari के कारण केंद्र और राज्यों के राजस्व पर पड़ने वाले असर और इसकी भरपाई पर बातचीत होगी. Tax न आने और रिटर्न दाखिल करने की तारीख आगे बढ़ाने से सरकार ने अप्रैल और मई के जीएसटी कलेक्‍शन के आंकड़े जारी नहीं किए हैं. 

CBIC के ट्वीट के मुताबिक अगस्त 2017 से जनवरी 2020 के दौरान gst penalty (late fees) माफ करने के मुद्दे पर GST काउंसिल की अगली बैठक में चर्चा होगी. 

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CBIC ने कहा कि अगस्त 2017 से gst व्यवस्था की शुरुआत हुई है. ऐसी मांगें हैं कि जिन रिटर्न को तब से ही (अगस्त 2017 से) दाखिल किए जाने की जरूरत है, उनके लिए late fees माफ कर दी जाये.

जीएसटी काउंसिल की 14 मार्च को हुई बैठक में फाइनेंस मिनिस्‍टर ने कहा था कि केंद्र सरकार जीएसटी काउंसिल द्वारा मुआवजे की जरूरत को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज जुटाने की कानूनी जरूरतों पर गौर करेगी. राज्य मुआवजे के कम भुगतान को लेकर शिकायत कर रहे हैं. ऐसे में राज्यों को राजस्व गारंटी के लिए बाजार से कर्ज जुटाने पर विचार किया जा रहा है. 

GST कानून के तहत राज्यों को जीएसटी के क्रियान्वयन के पहले 5 साल तक राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गई है. मुआवजे का कैलकुलेशन 2015-16 को बेस ईयर मानकर राज्यों के जीएसटी कलेक्‍शन में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी के अनुमान के आधार पर होता है.