Subsidy on Agri Processing Unit: राजस्थान सरकार  किसानों को कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने एग्री प्रोसेसिंग, एग्री बिजनेस और एग्री एक्सपोर्ट इन्सेटिंव पॉलिसी शुरू की, जिसके नतीजे अच्छे आ रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान (Subsidy) का लाभ उठाकर किसान अपनी फसल को खेत के निकट ही प्रोसेसिंग कर बेहतर कीमत पा रहे हैं. नीति के माध्यम से प्रदेश में अब तक कुल 2 हजार 589 करोड़ 21 लाख रुपये का निवेश हुआ है. इससे राज्य में नए रोजगारों पैदा हुए हैं.

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जयपुर के रहने वाले अवनीश उपाध्याय ने राजस्थान सरकारी की स्कीम का फायदा उठाया और 25 करोड़ रुपये की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट (Milk Processing Unit) लगाई. इसमें उन्हें राज्य सरकार द्वारा राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत 50 लाख रुपये की सब्सिडी (Subsidy) मिली.

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अवनीश मिल्क प्लांट में दूध, दही और लस्सी के उत्पाद बना कर पूरे प्रदेश में बिक्री करते हैं. उनका टर्न-ओवर 10 करोड़ रुपए तक है. इस योजना का लाभ लेकर अवनीश स्वयं तो आत्मनिर्भर बने ही हैं साथ ही 100 से ज्यादा लोगों को भी रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं.

यूनिट लगाने के बाद भी दी जा रही मदद

राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के बाद सहूलियत के लिए व्यापार के संचालन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में राज्य के उत्पादन की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान भी किया गया है.

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प्रोत्साहन के तौर पर राज्य सरकार द्वारा विद्युत प्रभार पर 5 साल तक 2 लाख रुपये प्रतिवर्ष देने का प्रावधान किया गया है.  इसके अलावा, सोलर पावर प्लांट (Solar Power Plant) स्थापित करने पर 10 लाख रुपये का अनुदान (Subsidy) दिया जा रहा है और सामग्री के पेटेंट व डिजाइन के पंजीकरण के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 2 लाख रुपये का  प्रोत्साहन दिया जाता है. साथ ही गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रत्येक प्रमाणन पर 2 लाख रुपये का प्रमाणन अनुदान भी देय हैं.

राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति संस्थान दिये जाने का प्रावधान भी योजना के तहत किया गया है. इसके अलावा परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये का प्रावधान और रिसर्च व डेवलपमेंट के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 20 लाख रुपये का अनुदान (Subsidy) दिया जा रहा है.

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ट्रांसपोर्ट अलॉयंस

किसानों को ताजा फल, सब्जी और फूलों के निर्यात पर 3 वर्ष तक अधिकतम 10 लाख रुपये का भाड़ा अनुदान दिया जा रहा है. साथ ही अजैविक रूप से प्रमाणित उत्पादों के निर्यात पर 5 वर्ष तक अधिकतम 20 लाख रुपए का भाड़ा अनुदान देय है.

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