Potato Cultivation: आलू की खेती करने वाले किसानों के अच्छी खबर है. सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट (CPRI) शिमला ने आलू की नई प्रजाति 'कुफरी किरण' (Kufri Kiran) तैयार की है. इस प्रजाति की खासियत है कि यह ज्यादा तापमान सह सकेगी. यह प्रजाति ज्यादा तापमान वाले प्रदेशों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. आपको बता दें कि सीआरपीआई ने अब तक आलू की 65 प्रजाति को तैयार किया है.

100 से 120 दिन में तैयार हो जाती आलू की ये प्रजाति

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आलू के कंद बनने के लिए रात का तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए, जबकि यह प्रजाति इससे ज्यादा तापमान में कंद तैयार करने में सक्षम है. ज्यादा तापमान में भी यह प्रजाति अन्य किस्मों की तरह 25 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली है. ज्यादा गर्मी के कारण कई क्षेत्रों में आलू नहीं उगाया जा सकता है लेकिन अब गर्म क्षेत्रों में इस नई किस्म को किसान लगा सकेंगे. सीआरपीआई ने इसे मंजूरी दे दी है. अब यह किसानों के प्रयोग के लिए तैयार है. विज्ञानियों के मुताबिक, आलू की यह किस्म 100-120 दिन में तैयार हो जाती है.

ये भी पढ़ें- परंपरागत खेती को छोड़ किसान ने शुरू की स्ट्रॉबेरी और पपीता की खेती, कमा रहे ₹10 लाख से ज्यादा

मैदानी क्षेत्रों में आलू के कंद को अधिक गर्मी पड़ने से पहले ही निकाल लिया जाता है क्योंकि ज्यादा गर्मी में आलू के दंक का आकार प्रभावित होता है. देर से आलू की फसल उगाने और गर्मी पड़ने की स्थिति में किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ता है. कुरफी किरण प्रजाति को गर्मी में ज्यादा समय तक बोए रखने पर भी इसका कंद प्रभावित नहीं होगा और किसान को इसका फायदा होगा.

ऐसे तैयार होती है नई किस्म

आलू की नई किस्म तैयार करने में 8 से 10 वर्ष लगते हैं. प्रजातियों को क्रॉस ब्रीडिंग व तत्वों की जांच की जाती है. मापदंडों पर सही उतरने पर नई किस्म को जारी किया जाता है. आलू की इस नई किस्म को सीआरपीआई के देशभर में छह केंद्रों में लगाकर जांचा गया है. जिन गर्म प्रदेशों में कृषि विज्ञान केंद्र हैं, वहां भी इस आलू बीज की जांच की गई है.

ये भी पढ़ें- किसानों के लिए जरूरी खबर, तैयार हुई चिनिया केले की नई प्रजाति, एक पौधे से निकलेगा 30-35 किलो केला, होगी बंपर कमाई

दक्षिण भारत में भी होगा आलू का उत्पादन

कुफरी किरण प्रजाति आने से अब आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु व गोवा में भी आलू का बीज तैयार किया जा सकेगा. इस प्रजाति का बीज आलू सीपीआरआई के अलावा आलू उत्पादक संघ और कंपनियां तैयार कर किसानों को उपबल्ध करवाएगी. अभी पंजाब, उप्र, हिमाचल से बीज आता है.

ये भी पढ़ें- यहां किसानों को गरमा बीज की होगी होम डिलीवरी, 15 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा अभियान, जानिए सबकुछ

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें