Modi ki Guarantee: छत्तीसगढ़ के किसानों को भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की गारंटी पूरी होने से सपनों के साकार होने की आस बनी है. धान का दो साल का बकाया बोनस (Bonus) मिलने से किसान अपनी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम तो होंगे ही, साथ में उन्हें आगामी योजना को अमली जामा पहनाने में मदद मिलेगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पूरा होने से किसानों के चेहरे खिल गये हैं. किसान परिवार को अपनी जरुरतें पूरा करने के लिए खाते में बोनस का पैसा है. 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी (Paddy Procurement) है और प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- कड़कड़ाती ठंड से पशुओं को बचाएं, बाल्टी भरकर दूध पाएं

बोनस पाकर किसान गदगद

जांजगीर चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत अमोरा के किसान खम्हन तिवारी धान का बकाया बोनस पाकर गदगद हैं. उन्होंने कहा कि बोनस का जो वादा किया गया, वो पूरा हुआ, यह बोनस हमारे लिए बड़ी सौगात है. 43, 800 रुपए मिले हैं. वह बोनस की इस राशि का उपयोग घर की जरूरतों के साथ ही खेती किसानी के लिए करेंगे. बोनस की राशि मिलने से किसानों को बड़ी मदद होगी. ट्रैक्टर, ट्रॉली सहित कृषि उपकरणों के लिए जो लोन लेते हैं, उसमें ब्याज के रूप में बहुत राशि खर्च हो जाती है. बोनस के रूप में मिली यह अतिरिक्त राशि लोन चुकाने के काम आएगी.

कांकेर जिले के ग्राम सरंगपाल की वयोवृद्ध महिला किसान 85 वर्षीया भागोबाई को धान के बकाया बोनस (Paddy Bonus) के तौर पर 1,72,320 रुपए मिले हैं. डीबीटी के रूप में जैसे ही यह राशि उनके खाते में आई, उनके चेहरे पर चमक आ गई. उन्होंने कहा कि इस पैसे से मैं अपना घर बनवाऊंगी. बोनस की राशि से खेती के काम और लोन चुकाने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने इस आर्थिक सहयोग के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है.

ये भी पढ़ें- Success Story: पट्टे पर जमीन लेकर शुरू की सब्जियों की खेती, अब सालाना ₹10 से 15 लाख कमा रहा बिहार का ये किसान

कांकेर जिले के ग्राम बेवरती के किसान जैनुराम नेताम के खाते में 57,600 रुपए आए. नाथिया नवागांव के किसान भरत लाल मटियारा को 54,240 रुपए मिले हैं. इसी तरह अलग-अलग गांवों में किसानों के खाते में पैसे आए हैं. खाते में पैसे आते ही किसान (Farmers) खुशी से झूम उठे. रकम आने के साथ उन्होंने पहले से लंबित योजनाओं पर यह पैसा खर्च करने का मन बना लिया है तो वहीं देनदारियों को इस राशि से पूरा करने वाले हैं.