Dec 26, 2023, 03:41 PM IST
कड़कड़ाती ठंड से पशुओं को बचाएं, बाल्टी भरकर दूध पाएं
Sanjeet Kumar
पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पशुओं के बीमार होने और निमोनिया होने का भी खतरा बना रहता है
ऐसे में पशुओं का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है ताकि दूध के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़े.
स्थानीय मौसम पूर्वानुमान की जानकारी रखा जाए. शीतलहर से पशुओं के बचाव की पहले से तैयारी कर ली जाए.
क्या करें
पशुशाला को सभी तरफ से ढकने की व्यवस्था की जाए ताकि सीधे तौर पर शीतलहर से पशुओं को बचाया जा सके.
पशुओं के बिछावन के लिए सूखे पुआल की व्यवस्था करें. शीतलहर से बचाव के लिए पर्याप्त रोशनी और गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों की व्यवस्था करें.
पशुओं को कीड़ा मारने वाली दवा जाड़े में पहले दे दी जानी चाहिए और खुरहा, पीपीआर, इन्टेरोट्रॉकसीमिया रोग के विरुद्ध टीकाकरण करना चाहिए.
जाड़े में पशुओं के शरीर को ढककर रखें. पशुओं को संतुलित और नमक से युक्त पूरक आहार दें. खल्ली और गुड़ की अतिरिक्त मात्रा दें ताकि शरीर गर्म रहे.
पशुओं को स्वच्छ नाद में हल्का गर्म पानी दिन में तीन-चार बार देना चाहिए. बीमार, कमजोर और गर्भवती पशुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
सर्दी के मौसम में पशुओं को खुले में नहीं छोड़ें. ठंडा भोजन और पानी पशुओं को नहीं दें.
क्या न करें
पशुओं और मुर्गियों को नमीयुक्त या धुआं वाले स्थान पर नहीं रखना चाहिए, इससे निमोनिया का खतरा बढ़ता है.
बीमार पशुओं की चिकित्सा फर्जी चिकित्सों से नहीं कराना चाहिए.
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