Subsidy News: भारत सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की वजह से बागवानी फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. फलों का उत्पादन वर्ष 2020-21 के 102.48 मिलियन टन की तुलना में, 4.90% की ग्रोथ के साथ, वर्ष 2021- 22 में 107.51 मिलियन टन हुआ है. किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला उद्यान विभाग ने बिहार सरकार (Bihar Government) के सहयोग से पहल की है. इसके तहत किसान आम (Mango), केला (Banana), अमरूद (Guava) और पपीते (Papaya) की बागवानी कर तगड़ी कमाई कर सकते हैं.

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राज्य के किसानों को आम, अमरूद और केला की बागवानी के जरिए आमदनी बढ़ाने का अच्छा मौका है. किसानों को पौधे लगाने और उसकी देखरेख के लिए सब्सिडी के रूप में बिहार सरकार द्वारा पैसा भी दिए जाएंगे. अपनी जमीन पर फसल लगाकर किसान लाभ उठा सकते हैं.

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सब्सिडी का मिलेगा लाभ

योजना के लिए सेलेक्ट होने वाले किसानों को सब्सिडी भी दी जाएगी. आम, केला व अमरूद की फसलों पर 90 फीसदी तक अनुदान देय है जबकि पपीता की फसल पर 75 फीसदी सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा.

पहले आओ-पहले पाओ

आम, केला, अमरूद और पपीता लगाने में रुचि रखने वाले किसानों से ऑनलाइन आवेदन मंगाया गया है जबकि पहले आओ, पहले पाओ की नीति पर आवेदनों को योजना का लाभ दिया जाएगा.

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सघन बागवानी मिशन के तहत नवादा जिले में 30 हेक्टेयर में आम का बगीचा लगाने का लक्ष्य रखा गया है. एक किसान कम से कम 8 कट्ठा और अधिकतम एक हेक्टेयर में पौधे लगा सकते हैं. जिले में केले का बगीचा लगाने का लक्ष्य सबसे ज्यादा 80 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है जबकि 5 हेक्टेयर में अमरूद और 10 हेक्टेयरमें पपीता के बाग लगाने पर सब्सिडी (Subsidy) मिलेगी. 

पपीता के बाग लगाने पर 75% जबकि अन्य तीनों बगीचे पर 90% सशर्त अनुदान मिलेगा. शर्त यह है कि पहले साल के बाद 80 से 90 फीसदी पौधे जीवित रहने चाहिए. तब ही सब्सिडी की अगली किस्त किसानों के नामित खाते में जारी की जाएगी.

केला (Banana) के बाग की यूनिट कॉस्ट प्रति हेक्टेयर 1.25 लाख रुपये, आम के बाग की यूनिट कॉस्ट प्रति हेक्टेयर 60,000 रुपये, अमरूद के बाग की यूनिट कॉस्ट 60,000 रुपये और पपीता के बाग की यूनिट कॉस्ट प्रति हेक्टेयर 60,000 रुपये पर तयशुदा सब्सिडी दी जाएगी.

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फूल और मेंथा की खेती पर 50% सब्सिडी

बिहार सरकार फूल और मेंथा की खेती करने वाले किसानों को भी सब्सिडी देगी. फूल की प्रति हेक्टेयर यूनिट कॉस्ट 56,000 रुपये जबकि मेंथा के लिए प्रति हेक्टेयर यूनिट कॉस्ट 40,000 रुपये तय की गई है. इन दोनों उद्यानिक फसलों की खेती पर 50% अनुदान का लाभ चयनित किसानों को दिया जाएगा. खेती करने के इच्छुक किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

आवेदन के लिए देना होगा जरूरी डॉक्युमेंट्स

अपनी जमीन पर बगीचा लगाने की चाह रखने वाले किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल www.horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन के साथ जमीन की ताजा रसीद, पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक पासबुक की डिटेल देनी होगी.

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आम, केला और अमरूद के बाग लगाने के लिए लाभ लेने से संबंधित जानकारी विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है जबकि जिला उद्यान कार्यालय में भी सहायक निदेश से जानकारी ली जा सकती है.

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