वॉलमार्ट (Walmart) ने फ्लिपकार्ट (Flipkart) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 3.5 अरब डॉलर का भुगतान कर दिया है. अब फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट की हिस्सेदारी कुल 80.5 फीसदी हो गई है. जुलाई के महीने में टाइगर ग्लोबल, एक्सेल और को-फाउंडर बिन्नी बंसल (Binny Bansal) समेत कुछ शुरुआती निवेशकों ने अपना स्टेक वॉलमार्ट को बेच दिया था. टाइगर ग्लोबल ने 4.1 फीसदी, एक्सेस ने 1.1 फीसदी और बिन्नी बंसल ने फ्लिपकार्ट में 1.8 फीसदी स्टेक बेचा था. वॉलमार्ट की अधिग्रहण (Acquisition) वैल्यू के हिसाब से अब फ्लिपकार्ट 35 अरब डॉलर की कंपनी हो गई है. 

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फ्लिपकार्ट ने 2021 में अपनी हिस्सेदारी जापान के सॉफ्टबैंक, यूएस की रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट और अन्य निवेशकों को बेच दिया था. फ्लिपकार्ट में शुरुआती हिस्सेदारी लेने वाली कंपनी Tiger Global और Accel पिछले साल ही अपनी बची हुई हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेचने की तैयारी कर रही थीं. 2021 में फ्लिपकार्ट ने 3.6 अरब डॉलर की एक फंडिंग ली थी, जिसमें वॉलमार्ट भी था, जिसके हिसाब से कंपनी की वैल्युएशन करीब 37.6 अरब डॉलर थी.

2018 में बिक गई थी फ्लिपकार्ट

वॉलमार्ट ने साल 2018 में फ्लिपकार्ट में लगभग 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी, इसके लिए लगभग 16 बिलियन डॉलर में डील हुई थी. कंपनी ने बाद में ये भी कहा था कि वो अगले चार सालों में कंपनी को पब्लिक भी कर सकती है. वॉलमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स दिग्गज पर अपना नियंत्रण मजबूत करने के लिए फ्लिपकार्ट में टाइगर ग्लोबल की शेष हिस्सेदारी खरीदी है. 

2007 में हुई थी फ्लिपकार्ट की शुरुआत

फ्लिपकार्ट समूह भारत की अग्रणी डिजिटल वाणिज्य संस्थाओं में से एक है और इसमें समूह की कंपनियां फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, फ्लिपकार्ट होलसेल, फ्लिपकार्ट हेल्थ प्‍लस और क्लियरट्रिप शामिल हैं. 2007 में शुरू हुई फ्लिपकार्ट ने 400 मिलियन से अधिक रजिस्टर्ड ग्राहक आधार के साथ, 80 से अधिक कैटेगरी में 150 मिलियन से अधिक उत्पादों की पेशकश करती है. इसने लाखों उपभोक्ताओं, विक्रेताओं, व्यापारियों और छोटे व्यवसायों को भारत की डिजिटल कॉमर्स क्रांति का हिस्सा बनने में सक्षम बनाया है.

बिन्नी बंसल को मिले करीब एक-डेढ़ अरब डॉलर

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर बिन्नी बंसल को फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी से लगभग एक-डेढ़ अरब डॉलर यानी करीब 90-120 करोड़ रुपये मिले हैं. बिन्नी और सचिन बंसल 2018 में फ्लिपकार्ट को वॉलमार्ट के हाथों लगभग 16 अरब डॉलर में बेचने के बाद बाहर निकल गए थे. पिछले ही साल, बिन्नी बंसल ने घरेलू ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में अपनी 26.4 करोड़ डॉलर (लगभग दो हजार करोड़ रुपये से अधिक) की हिस्सेदारी चीनी इंटरनेट दिग्गज टेनसेंट को बेच दी थी.