आपकी जेब का बोझ जल्द ही बढ़ने जा रहा है. दरअसल, रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले दूध की कीमतों में इजाफा हो सकता है. CRISIL की रिपोर्ट के मुताबिक, स्किम्ड मिल्क के उत्पादन में कमी और डिमांड बढ़ने से दूध के दाम बढ़ाए जा सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दूध की कीमतों में 1 से 2 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है. बढ़े हुए दाम 1 अप्रैल के बाद लागू हो सकते हैं. हालांकि, कंपनियों ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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घी, मक्खन, दही भी होंगे महंगे

दूध से बनने वाले दूसरे प्रोडक्ट्स के दाम में भी इजाफा होने की संभावना नजर आ रही है. दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे मक्खन, दही, घी और फ्लेवर्ड मिल्क भी महंगे हो सकते हैं. डेयरी प्रोडक्ट्स बेचने वाली अमूल और मदर डेयरी ने अभी इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है. लेकिन, क्रिसिल की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि दूध के दाम में 1-2 रुपए का इजाफा होगा. 

दाम बढ़ने के पीछे ये है वजह

दूध या दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स के दाम में जल्द इजाफा होने के पीछे कारण है घटता उत्पादन है. उत्पादन में कमी के चलते दूध की कीमतों में 1-2 रुपए प्रति लीटर इजाफा होना तय माना जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक तरफ 2019-20 में दूध का उत्पादन 3 से 4 फीसदी घटने की उम्मीद है. वहीं, दूध की खपत में 6-7 फीसदी का इजाफा हुआ है. यही वजह है कि कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़ेंगे.

2017 में 1 रुपए/लीटर बढ़े थे दूध के दाम

आखिरी बार दूध के दाम 2017 में बढ़े थे. 2017 में दूध के दाम 1 रुपए प्रति लीटर से बढ़े थे. CRISIL रिपोर्ट के मुताबिक, इस वजह से स्किम्ड मिल्क का स्टॉक जल्द ही खत्म होने की उम्मीद है. दूनिया भर में स्किम्ड मिल्क के दाम 20 फीसदी से बढ़े हैं. मार्च 2018 के अंत में स्किम्ड मिल्क का 3 लाख टन का स्टॉक था. लेकिन, इस स्टॉक के अब 25 फीसदी से घटने की उम्मीद है. आपको बता दें, बिना मलाई के दूध को स्किम्ड मिल्क कहते हैं.

FSSAI ने जारी किए नए नियम

हाल ही में फूड रेगुलेटर FSSAI ने डेयरी कंपनियों के लिए गाइडलाइन डॉक्यूमेंट्स जारी किए हैं. आपको बता दें, कि पिछले साल जारी हुई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जो दूध बिक रहा है, उसमें से 68.70 फीसदी दूध और उससे बनी चीजें मिलावटी हैं. यह दूध FSSAI के मानकों पर खरा नहीं उतरता है.

नए नियम जारी

  • दूध और इससे बने प्रोडक्ट्रस की खराब क्वालिटी से चिंतित FSSAI ने कड़े मापदंड बनाए.
  • डेयरी प्रदूषित इलाकों से दूर होनी चाहिए.
  • डेयरी में काम करने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए.
  • दूध इकट्ठा करते समय हाइजिन का खयाल रखा जाए.
  • दूध की पैकैजिंग फूड ग्रेड मटैरियल में ही होना चाहिए.
  • कंपनी दूध के हर पैकेट को 24 घंटे में ट्रेस करने की व्यवस्था बनाए.
  • रॉ दूध को 4 घंटे के अंदर किसान से प्रोसेसिंग यूनिट तक ले जाया जाना चाहिए.
  • कंपनियों को तय करना होगा कि गाय या भैंस के चारे में ज्यादा पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल न किया गया हो.