प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2019) में 1,908 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है. साल भर पहले एनपीए के चलते बैंक को 119.6 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. जून तिमाही के दौरान बैंक को लोवर प्रॉविजन और रिटेल लोन ग्रोथ में बढ़ोतरी से फायदा हुआ. कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 6,289 करोड़ रुपये रहा. बैंक ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.

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बैंक को ब्याज से होने वाली मुख्य शुद्ध आय 26.80 प्रतिशत बढ़कर 7,737 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. इस दौरान शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.19 प्रतिशत से बढ़कर 3.61 प्रतिशत होने के लाभ के साथ साथ खुदरा क्षेत्र में 22 प्रतिशत की ऋण वृद्धि समेत कुल ऋण कारोबार में 18 प्रतिशत की वृद्धि का भी लाभ हुआ.

बैंक के मानद कार्यकारी निदेशक संदीप बत्रा और समूह के मुख्य वित्त अधिकारी राकेश झा समेत प्रबंधन ने एक कांफ्रेंस कॉल पर कहा कि टैक्स वापसी और एनपीए में कमी आने से ब्याज दे रही एसेट का हिस्सा बढ़ा है. इस कारण बैंक की शुद्ध ब्याज आय में सुधार हुआ हैं. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा उधारी दरों में कमी का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों तक पहुंचाएगा.

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चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक के सकल एनपीए में 2,779 करोड़ रुपये की वृद्धि दिखी. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह वृद्धि 3,457 करोड़ रुपये हुई थी. इसमें खुदरा क्षेत्र के एनपीए में 1,511 करोड़ रुपये और कॉरपोरेट एवं एसएमई क्षेत्र के सकल एनपीए में 1,268 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. बैंक ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के अवरुद्ध कर्जों में 452 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई.