जीएसटी के तहत अब एक नया प्रावधान किया गया है जिसमें तय सीमा से अधिक का कारोबार करने वाली इकाइयों के बीच होने वाले खरीद-फरोख्त के सभी चालान एक केंद्रीयकृत सरकारी पोर्टल से निकालने होंगे यानी ई-चालान की व्यवस्था की जा रही है. इस नियम का अनुपालन सितंबर 2019 से अनिवार्य कर दिया गया है. यह पहल जीएसटी चोरी पर लगाम लगाने की पहल के तहत किया जा रहा है. आपको बता दें सरकार ने ई-चालान व्यवस्था लागू करने के लिए केंद्र, राज्य और जीएसटीएन के कुल 13 अधिकारियों की एक समिति भी बना दी है.

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उपभोक्ताओं को जारी चालान में भी होगा अनिवार्य 

इस पहल की निगरानी का जिम्मा केंद्रीय राजस्व सचिव देख रहे हैं. केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि कारोबार से कारोबार के बीच सौदों के लिए ई-चालान व्यवस्था तीन-चार महीने में लागू कर दी जाएगी. यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. इसके बाद यह नियम कारोबारियों से उपभोक्ताओं को जारी चालान में भी अनिवार्य किया जाएगा. इसके पीछे कहा जा रहा है कि इस नियम के लागू होने से फर्जी जीएसटी चालान के इस्तेमाल पर रोक लग सकेगा और जीएसटी चोरी नहीं हो सकेगी.

जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होगा आसान

अधिकारी के मुताबिक, ई-चालान व्यवस्था लागू होने के बाद कारोबार करने वाली इकाइयों के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करना पहले के मुकाबले और आसान हो जाएगा. इसकी वजह ये है कि कारोबारियों के कारोबार में माल के चालान का आंकड़ा पहले से सेंटरलाइज्ड पोर्टल पर दर्ज रहेगा. 

रहेगी पूरी व्यवस्था

सालान आधार पर निर्धारित सीमा से अधिक कारोबार करने वाली इकाइयों को एक खास सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाएगा जो सीधे जीएसटीएन से जुड़ा होगा. इससे ऐसी इकाइयां किसी दूसरी कारोबारी इकाइयों को बेचे गए माल या सेवा से जुड़े ई-चालान निकाल सकेंगे. कहा जा रहा है कि माल के खेप की लागत के आधार पर ई-चालान नियम लागू किए जा सकते हैं. साथ ही इस सुविधा के साथ-साथ ऐसे कारोबारी इकाइयां माल के चालान के साथ ई-वे बिल भी निकाल सकेंगे.