HPCL: हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) से बाहर निकलने के 5 साल बाद सरकार को कंपनी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी मिलने जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि फ्यूल रिटेल विक्रेताओं को पिछले साल रियायती दरों पर पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) बेचने पर काफी नुकसान हुआ है, जिसके चलते सरकार HPCL में इक्विटी निवेश करने जा रही है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र की फ्यूल रिटेल सेलर्स- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), एचपीसीएल और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) को 30,000 करोड़ रुपये की पूंजी सहायता देने की घोषणा की थी.

ये भी पढ़ें- 4 महीने में मालामाल बना देगी ये फल, जानिए तरीका

सरकार ने जून में आईओसी (IOC) और बीपीसीएल (BPCL) को पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाने की इजाजत दी और एचपीसीएल से कहा गया कि वह सरकार को तरजीही आधार पर शेयर आवंटन करने के विकल्प पर विचार करे. HPCL के बोर्ड ने अभी तक प्रेफरेंशियल इश्यू (Preferential Issue) को मंजूरी नहीं दी है. हालांकि, मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि एचपीसीएल बोर्ड Preferential Issue लेने से पहले सरकार से मार्गदर्शन का इंतजार कर रहा है. 

10,000 करोड़ रुपये तक निवेश करने की गुंजाइश

उन्होंने अनुमान जताया कि सरकार के पास HPCL में करीब 10,000 करोड़ रुपये तक निवेश करने की गुंजाइश है. एचपीसीएल के मौजूदा मार्केट कैप 39,650 करोड़ रुपये पर यह एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी में तब्दील हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- पपीते की खेती बनाएगी अमीर, सरकार दे रही 75% सब्सिडी

सरकार ने जनवरी 2018 में एचपीसीएल (HPCL)  में अपनी पूरी 51.11% हिस्सेदारी ओएनजीसी को 36,915 करोड़ रुपये में बेच दी थी.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें