भारत के जैविक उत्पादों की दुनियाभर में धूम है. यहां के ऑर्गेनिक फल, सब्जी, दाल या मसालों की मांग लगातार बढ़ रही है. निर्यात में हर साल इजाफा हो रहा है. जुलाई में ही भारत ने 90,000 मीट्रिक टन जैविक उत्पादों (organic products) का एक्सपोर्ट कई देशों को किया है. बाहर के देशों में जैविक उत्पाद की मांग बढ़ने से किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है.

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कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा-APEDA) के मुताबिक, भारत ने पिछले महीने जुलाई के दौरान 89,995 मीट्रिक टन ऑर्गेनिक सामान का निर्यात (organic products export) किया है. एपीडा के मुताबिक इस सामान का निर्यात अमेरिका, कनाडा (Canada), ऑस्ट्रेलिया (Australia), यूरोपियन यूनियन और मिडिल ईस्ट (Middle East) के देशों में भारत के जैविक उत्पादों की काफी मांग है.

एपीडा ने बताया कि पिछले साल जुलाई में जैविक उत्पादों (organic products) का एक्सपोर्ट 74 फीसदी था, जोकि इस साल जुलाई में बढ़कर 78 फीसदी हो गया. एपीडा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी एक्सपोर्ट में इजाफा हुआ है. जुलाई में भारत सरकार ने 103 मिलियन डॉलर के जैविक उत्पादों का निर्यात किया है. 

 

बेबीकॉर्न और मिर्च का निर्यात

जैविक उत्पादों के अलावा अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात में भी इजाफा हुआ है. बेंगलुरू के नामधारी सीड्स प्राइवेट लिमिटेड ने इंग्लैंड, नीदरलैंड्स (Netherlands) और ऑस्ट्रेलिया के लिए 28.52 मीट्रिक टन बेबीकॉर्न (Babycorn) और मिर्च का निर्यात किया है. 

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निर्यात संवर्धन मंच

वाणिज्य मंत्रालय और कृषि मंत्रालय ने मिलकर निर्यात संवर्धन मंच (Export Promotion Forum -EPF) की स्थापना की है. इस मंच का मकसद कृषि उत्पादों खासकर बागबानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है.