Yes Bank-SBI: केंद्र का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) येस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को कम कर सकता है. 13 मार्च के बाद 3 साल का लॉक-इन पीरियड खत्म हो रहा है, जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि SBI, Yes Bank में अपने हिस्से को बेच सकता है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के आधार पर इस कॉरपोरेट एक्शन की जानकारी दी गई है. शुरुआत में एसबीआई ने येस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रखी थी. स्टॉक एक्सचेंज डाटा के मुताबिक, 31 दिसंबर तक एसबीआई, Yes Bank में 26.14 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है. लेकिन अभी भी SBI, येस बैंक में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखता है. 

RBI ने तय किया था लॉक-इन पीरियड

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बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने Yes Bank की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए लॉक-इन पीरियड को तय किया था. रिकंस्ट्रक्शन प्लान के मुताबिक, पूंजी डालने की तारीख से 3 साल पूरे होने से पहले SBI अपनी हिस्सेदारी को 26.14 फीसदी की हिस्सेदारी से कम नहीं कर सकता. 

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2020 में मदद के लिए आए थे आगे

बता दें कि साल 2020 में येस बैंक के बोर्ड को भंग करने के बाद बैंक को बचाने के लिए SBI के साथ ICICI Bank, Axis Bank, IDFC FIRST Bank, Kotak Mahindra Bank, Housing Development Finance Corp आगे आए थे. उस टाइम रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत आरबीआई ने इन सभी बैंकों को मिलकर न्यूनतम 75 फीसदी हिस्सेदारी होल्ड करने को कहा था. ये 3 साल की अवधि के लिए था. 

कौन-से बैंक की कितनी हिस्सेदारी

Yes Bank में ICICI Bank की हिस्सेदारी 2.61 फीसदी की है. इसके अलावा Axis Bank की हिस्सेदारी 1.57 फीसदी और IDFC FIRST बैंक की हिस्सेदारी 1 फीसदी की है. इसके अलावा LIC इस बैंक में 4.34 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है और HDFC की हिस्सेदारी 3.48 फीसदी की है. ये आंकड़ा दिसंबर 2022 तक का है. 

बता दें कि एसबीआई बैंक का बोर्ड बहुत जल्द येस बैंक में अपने फ्यूचर प्लान को लेकर बैठक कर सकता है. इसके लिए RBI को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा. हालांकि रॉयटर्स के सवाल पर एसबीआई और येस बैंक की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.