Bank Fraud, Skimming, Phishing, Vishing, Smishing: बैंकिंग सिस्टम में हमने वक्त के साथ जितने बदलाव देखे हैं, उतना ही साइबर फ्रॉड का खतरा भी बढ़ा है. साइबर ठगों ने वक्त के साथ ठगी के अलग-अलग तरीके निकाले हैं. बैंक फ्रॉड खासकर सबसे ज्यादा देखने में आता है. कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई पेमेंट वगैरह के अलग-अलग मोड के जरिए साइबर फ्रॉड के भी अलग-अलग तरीके निकलते रहते हैं. इसलिए, जरूरी है कि आपको भी साइबर ठगों के तरीकों की जानकारी हो, ताकि आप उनके झांसे में न आएं. हो सकता है आप कार्ड डीटेल चोरी या बैंक डीटेल की चोरी से होने वाले फ्रॉड के बारे में जानते हों, लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि इनके कई तरीके हैं, जैसे- Skimming, Phishing, Vishing और Smishing. आपको सावधानी के लिए इनके बारे में पता होना चाहिए. 

1. स्किमिंग क्या होती है? (What is skimming?)

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स्किमिंग से मतलब क्रेडिट या डेबिट कार्ड में एम्बेडेड जानकारी को निकालने से है. फ्रॉडस्टर्स कार्ड में आपकी जो जानकारी फीड की जाती है, उसे चुराते हैं और इसके साथ एक डुप्लीकेट कार्ड तैयार करते हैं. और फिर उनके पास आपके कार्ड जैसा ही डुप्लीकेट कार्ड होता है, जिसके बारे में आपको पता भी नहीं होता और वो इसका इस्तेमाल करते हैं. ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी है कि आपका मोबाइल नंबर आपके बैंक अकाउंट के साथ रजिस्टर्ड हो, ताकि आपके बैंक अकाउंट से कोई भी ट्रांजैक्शन हो तो आपको एक SMS अलर्ट मिल जाए कि आपके कार्ड से कोई ट्रांजैक्शन हुआ है. 

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स्किमिंग से बचने के लिए उठाएं ये कदम

अगर आपको किसी भी अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन की जानकारी मिलती है तो इसके लिए तुरंत बैंक को कॉन्टैक्ट करना चाहिए और अपने कार्ड को ब्लॉक कराना चाहिए. किसी भी कार्डहोल्डर को अपने कार्ड से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी किसी अनऑथराइज्ड व्यक्ति को नहीं देनी चाहिए. किसी भी POS (Point-of-Sale) मशीन पर स्वाइपिंग हमेशा खुद से करनी चाहिए या अपने सामने करानी चाहिए. अपना कार्ड नंबर, CVV, OTP और PIN किसी के साथ भी नहीं शेयर करना चाहिए. स्किमिंग के मामले ATM के साथ भी हो सकते हैं. इसमें फ्रॉडस्टर क्या करते हैं कि एटीएम बूथ में कैमरा इंस्टॉल कर देते हैं, जिससे कार्डहोल्डर का पिन और मैग्नेटिक स्ट्राइप डीटेल कैप्चर हो जाती हैं. आपको कोई भी एटीएम इस्तेमाल करते हुए पहले एटीएम को एक बार अच्छी तरह से चेक कर लेना चाहिए, अगर कुछ संदिग्ध नजर आता है तो अपना कार्ड वहां यूज़ न करें.

2. फिशिंग क्या होती है? (What is Phishing?)

फिशिंग में फ्रॉडस्टर्स आपको आरबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट या ईडी जैसी संस्था बनकर ईमेल करते हैं और या तो आपको किसी आरोप को लेकर डराते हैं या फिर किसी और तरीके से आपकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन निकलवाने की कोशिश करते हैं. लेकिन आपको ऐसे किसी भी ईमेल की पुष्टि किए बगैर इसके झांसे में नहीं आना चाहिए.

3. विशिंग क्या होती है? (What is Vishing?)

विशिंग का तरीका फ्रॉडस्टर्स तब अपनाते हैं, जब वो आपको स्कैम करने के लिए कॉल करते हैं. बैंक फ्रॉड का ये तरीका बहुत आम है. फ्रॉडस्टर्स यहां भी आपको बैंक रिप्रेजेंटिटिव या ऐसे ही किसी दूसरे रोल में कॉल करते हैं और आपकी जानकारी निकलवाते हैं. वो आपको फ्री क्रेडिट कार्ड, टैक्स रिफंड, क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड वगैरह के बहाने से कॉल करके झांसा देते हैं और अगर आप इनके फेर में पड़ गए और अपनी डीटेल शेयर कर दी, तो आपका बैंक अकाउंट साफ हो सकता है.

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4. स्मिशिंग क्या होती है? (What is Smishing?)

साइबर फ्रॉड का ये तरीका भी काफी पॉपुलर है. ये भी एक तरीके का फिशिंग अटैक ही है, जिसमें मोबाइल पर आपको या तो कोई टेक्स्ट भेजा जाता है या फिर कोई वेबसाइट हाइपरलिंक भेजा जाता है. अगर आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपके फोन में इससे मालवेयर या ट्रोजन हॉर्स जैसे वायरस आ सकते हैं. इसलिए आपको कभी कार्ड नंबर, कार्ड एक्सपायरी डेट, CVV, OTP, या नेटबैंकिंग पासवर्ड जैसी डीटेल कभी शेयर नहीं करनी चाहिए. आपका बैंक कभी आपसे कॉल पर ऐसी डीटेल्स नहीं मांगता है.

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