अगर आपके सामने आपका कोई रिश्तेदार या दोस्त अपनी मजबूरी बताकर आपको अपना लोन गारंटर बनने को कहता है, तो आप क्या कहेंगे? हममें से अधिकतर लोग ना नहीं कह पाएंगे और गारंटर बनने को तैयार हो जाएंगे. अब चूंकि लोन गारंटर के तौर पर आपकी ये भूमिका बनती है कि अगर कर्ज लेने वाला किसी स्थिति में कर्ज नहीं चुका पाता है, तो ये आपको चुकाना पड़ेगा, ऐसे में आपकी भी ये पूरी जिम्मेदारी होती है कि लोन की शर्तें, और उधारकर्ता की स्थिति को पूरी तरह समझ लें. 

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तो अगर आप गारंटर बनने का ये फैसला ले रहे हैं तो पेपर पर साइन करने से पहले आपको कुछ बातें जान लेनी चाहिए.

1. शर्तें पढ़ लें

आपको लोन की सारी शर्तें समझे बिना कभी भी लोन के पेपर पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए. टर्म्स एंड कंडीशंस अच्छे से पढ़ लें. अगर कोई शर्त आपको ठीक नहीं लग रही, तो उसे सामने रखें. अपना कोई डॉक्यूमेंट भी बैंक के अलावा किसी से शेयर न करें.

2. उधार लेने वाले को देखें

उधार कौन ले रहा है, कैसा लोन ले रहा है, किसलिए ले रहा है, उसका क्रेडिट स्कोर कैसा है, इनकम स्टेबल है या नहीं, वो ये लोन टाइम से चुकाने में सक्षम है या नहीं, ये सारी जानकारियां जरूर जुटा लें.

3. क्रेडिट स्कोर का ध्यान रखें

गारंटर बनने पर आपके अपने क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ सकता है, वो ऐसे कि अगर बॉरोअर डिफॉल्ट करता है, तो इससे आपका स्कोर भी गिरेगा. आपका क्रेडिट रिपोर्ट खराब होगा और आपको अपने लिए लोन लेने में दिक्कत आएगी.

4. एक्स्ट्रा लोन

अगर बॉरोअर आपकी गारंटी पर जो लोन लिया गया है, उसपर भी एक्स्ट्रा लोन लेता है तो आप बैंक के पास जाकर खुद को नए लोन से अलग करवा सकते हैं, लेकिन पहले वाले लोन पर जो भी बकाया होगा, उसके गारटंर आप बने रहेंगे.

5. अगर डील से निकलना हो तो

मान लीजिए कि अगर आगे ऐसी स्थिति बनती है कि आप इस लोन के लिए गारंटर नहीं बने रहना चाहते, और डिफॉल्ट जैसी कंडीशन आती है तो इसके लिए आप कानूनी रास्ता अपना सकते हैं. क्योंकि अगर बैंक बॉरोअर से वसूली नहीं कर पाएगा, तो वो आपके पास आएगा और इसमें आपकी संपत्ति भी जब्त हो सकती है, ऐसे में आप कानूनी रास्ते के जरिए इसके लिए मदद ले सकते हैं.

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