विदेशा यात्रा करने के लिए सबसे अहम दस्तावेज पासपोर्ट होता है, लेकिन जल्दी आपके सभी पुराने पासपोर्ट बेकार हो जाएंगे. इनकी जगह आपको नया पासपोर्ट लेना होगा. मोदी सरकार नए साल में देशवासियों को नया पासपोर्ट देने जा रही है. नए पासपोर्ट में एडवांस्ड सिक्योरिटी सिस्टम वाली चिप होगी. इस चिप में आवेदनकर्ता की पूरी डिटेल्स होंगी. दरअसल, विदेश मंत्रालय जल्द ही चिप वाला पासपोर्ट जारी करेगा. इन पासपोर्ट की पेपर क्वॉलिटी और प्रिंटिंग भी हाई टेक होगी.

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यहां बनाएं जाएंगे ई-पासपोर्ट

नए चिप वाला पासपोर्ट यानी ई-पासपोर्ट की मैन्युफैक्चरिंग नासिक की इंडियन सिक्योरिटी प्रेस (ISP) में कराई जाएगी. इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) ने ISP को चिप वाले पासपोर्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम लेने के लिए टेंडर डालने की अनुमति दे दी है. टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही ई-पासपोर्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा. विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के मुताबिक, सरकार ने ई-पासपोर्ट की मैन्युफैक्चरिंग को ग्रीन सिग्नल दे दिया है.

एक चिप में होगी पूरी डिटेल्स

ई-पासपोर्ट में लगाई जाने वाली चिप में आवेदनकर्ता की पूरी डिटेल्स शामिल होंगी. इसके लिए बायोमीट्रिक डाटा और डिजिटल साइन चिप में स्टोर किए जाएंगे. खास बात यह है कि इससे यात्रा करते वक्त व्यक्ति की पूरी जानकारी एयरपोर्ट सिस्टम में दिखाई देगी. दूसरी खास बात यह होगी कि अगर कोई पासपोर्ट में लगी चिप के साथ छेड़छाड़ करता है तो पासपोर्ट सेवा सिस्टम को एक अलर्ट मिलेगा. इसके बाद पासपोर्ट ऑथेंटिकेशन पूरी नहीं हो पाएगी. विदेश में मौजूद देश की सभी एम्बेसी को ई-पासपोर्ट प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा. अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय दूतावासों को इस प्रोजेक्ट्स से पहले ही जोड़ा जा चुका है.

बनवाने में लगेंगे सिर्फ 7 दिन

अभी तक सामान्य प्रक्रिया से पासपोर्ट बनवाने में 15 से 20 दिन का समय लगता है. लेकिन, चिप वाले पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया भी तेज होगी. आवेदन करने के बाद सिर्फ 7 दिन में पासपोर्ट बनकर तैयार होगा. पासपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपनी तरफ से जरूरी इंक्वायरी करने के बाद पासपोर्ट जारी कर देगी. नया पासपोर्ट जारी होने के बाद आपका पुराना पासपोर्ट अपने आप रद्द कर दिया जाएगा.

अभी इन देशों में है ई-पासपोर्ट सिस्टम

भारत से पहले ई-पासपोर्ट प्रणाली को अमेरिका, इटली, जर्मनी, जापान, यूरोपीय देश, हॉन्ग-कॉन्ग, इंडोनेशिया के अलावा तकरीबन 86 देशों में लागू किया जा चुका है. भारत से पहले इस प्रणाली को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी शामिल किया जा चुका है. उम्मीद है 2019 में भारत में भी ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे.