नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA- Directorate General of Civil Aviation) ने विभिन्न नियमों का पालन नहीं करने पर साल 2022 में अलग-अलग एयरलाइंस और व्यक्तियों के खिलाफ आर्थिक दंड लगाने के साथ प्रवर्तन की 305 कार्रवाइयां कीं. डीजीसीए ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस साल प्रवर्तन की 305 कार्रवाई की गई. कार्रवाई की जद में अलग-अलग एयरलाइंस, एयरपोर्ट ऑपरेटर, फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन आए हैं. ये कार्रवाई सुरक्षा नियमों और मानकों का पालन नहीं करने और फ्लाइट ऑपरेशन में सुरक्षा के साथ समझौते करने की वजह से की गई है.

39 मामलों में लगाया गया 1.975 करोड़ रुपये का जुर्माना

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नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक, उड़ान संबंधी मानकों के अनुपालन में गलती करने वाले पायलट, क्रू के सदस्य, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, एयरक्राफ्ट मेनटेनेंस इंजीनियर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ नियामक और मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने के मामलों में कार्रवाई की गई है. डीजीसीए ने कहा कि साल 2022 में उन्होंने अलग-अलग एयरलाइन कंपनी, हवाई अड्डा परिचालक आदि के खिलाफ कुल 39 मामलों में 1.975 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.

एयर इंडिया और इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइन कंपनी पर भी हुई कार्रवाई

नागर विमानन महानिदेशालय ने जिन एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें एयर इंडिया और इंडिगो समेत देश की बड़ी एयरलाइन कंपनियां भी शामिल हैं. किफायती हवाई सेवाएं देने वाली इंडिगो एयरलाइंस पर एक दिव्यांग व्यक्ति को गलत तरीके से फ्लाइट से उतारने के मामले में जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा, टाटा ग्रुप की एयर इंडिया पर भी जुर्माना लगाया गया है, जिन्होंने बोर्डिंग के लिए मना करने के बाद यात्रियों को मुआवजा नहीं दिया. 

डीजीसीए ने कहा कि स्पाइसजेट को पायलटों के ट्रेनिंग के लिए अनुपयोगी वॉर्निंग सिस्टम के साथ सिम्युलेटर का उपयोग करने के लिए दंडित किया गया, जबकि विस्तारा पर रूट डिस्पर्सल के दिशानिर्देशों का पालन न करने के लिए जुर्माना लगाया गया.

भाषा इनपुट्स के साथ