Air India bid: घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India airline) के लिए बोली में टाटा ग्रुप (Tata group) का नाम सबसे मजबूत बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, टाटा ग्रुप एयर इंडिया (Tata group owned Air India) का नया मालिक हो सकता है. पिछले हफ्ते हुई मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन के अधिग्रहण के प्रस्ताव में टाटा ग्रुप को सबसे मजबूत बताते हुए एयर इंडिया को टाटा समूह को देने की वकालत की थी. हालांकि, अभी नाम फाइनल नहीं किया गया है. 

अमित शाह की अध्यक्षता में होगी बैठक

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कल यानी 30 सितंबर को विनिवेश पर बने कोर ग्रुप की बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा हुई. अगले हफ्ते एयर इंडिया विनिवेश पर मंत्रियों की कमेटी की बैठक होनी है. जिसके अध्यक्ष अमित शाह हैं, उस बैठक के बाद आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है. सरकार 15 अक्टूबर तक प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहती है ताकि दिसंबर 2021 तक एयर इंडिया को नए मालिक के हवाले किया जा सके. हालांकि, DIPAM सचिव ने एक ट्विट कर टाटा ग्रुप का नाम फाइनल होने की खबर को गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि नाम फाइनल होने पर सूचित किया जाएगा.

अब तक क्या हुआ?

सरकारी अधिकार वाली विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं. इसके लिए वित्तीय बोली कि आख़िरी तारीख़ थी 15 सितंबर. हालांकि, सरकार ने इससे पहले प्राथमिक बोली (preliminary bids) के लिये डेडलाइन को 5 बार बढ़ाया था. इसलिए सरकार किसी भी सूरत में डेडलाइन बढ़ाने की नहीं सोच रही है. बता दें कि एयर इंडिया पर करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसे प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

सरकार बेच रही 100 फीसदी हिस्सेदारी

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह ने भी इस साल जुलाई में संसद को बताया था कि एविएशन कंपनी के लिए फाइनेंशियल बिड्स 15 सितंबर तक हासिल की जाएगी. सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है. यह 2007 में घरेलू ऑपरेटर इंडियन एयरलाइंस के साथ मर्जर के बाद घाटे में है. 

Tata Group को क्या-क्या मिलेगा?

जानकारों की मानें तो एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों में टाटा समूह (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर अजय सिंह (Ajay Singh) शामिल रहे. एयर इंडिया को खरीदने वाले सफल बिडर को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग अलोकेशन का कंट्रोल दिया जाएगा. सफल बोली लगाने वाली कंपनी को एयर इंडिया की सस्ती एविएशन सर्विस एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी सौ प्रतिशत कंट्रोल मिलेगा. 

क्या होगी प्रक्रिया? 

बोलियां जमा करने के बाद, एयर इंडिया की बिक्री के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet approval) से मंजूरी की आवश्यकता होगी. 

एयर इंडिया का इतिहास 

साल 1932 में उद्योगपति JRD Tata ने टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी. ब्रिटेन की शाही रॉयल एयर फोर्स के पायलट होमी भरूचा टाटा एयरलाइंस के पहले पायलट थे जबकि JRD Tata दूसरे पायलट थे. जेआरडी टाटा ने कराची से बंबई की उड़ान भरी थी. 15 अक्टूबर 1932 को इस उड़ान के दौरान उनके जहाज में डाक थी. बंबई से इस जहाज को नेविल विसें चेन्नई ट ले गए थे. 

​दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बदल गया कंपनी का नाम

दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं. जब फिर से सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर "एयर इंडिया लिमिटेड" कर दिया गया. 

​एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण

1947 में एयर इंडिया की 49% भागीदारी सरकार ने ले ली थी. 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया. अगस्त 1953 में सरकार ने सभी नौ निजी कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था. लगातार बढ़ते घाटे से उबरने के लिए सरकार की मंशा 2021 के आखिर तक इसे निजी हाथों में सौंप देने की है. सूत्रों के अनुसार टाटा समूह ने एयरएशिया इंडिया के माध्यम से एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है और इसके अधिकारी पिछले कुछ महीनों में पूरे भारत में एयरलाइन साइट्स का दौरा कर रहे हैं. 

CBDT ने एसेट्स ट्रांसफर पर TDS नहीं देने की छूट दी

एयर इंडिया के विनिवेश में कोई अड़चन न आए इसके लिए अब सरकार ने एयर इंडिया की ओर से एसपीवी एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिडेट (SPV Air India Assets Holding Ltd) को एसेट्स के ट्रांसफर पर टैक्स से छूट की घोषणा की है. विनिवेश से पहले एसेट्स SPV एयर इंडिया को ट्रांसफर पर TDS और TCS नहीं देना होगा. 

एयर इंडिया की बिक्री के लिए सरकार ने 2019 में एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) का गठन किया था. इस इकाई को एयर इंडिया समूह का ऋण और गैर-प्रमुख संपत्तियों का स्थानांतरण किया जाना है. एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने से पहले राष्ट्रीय विमानन कंपनी अपने एसेट्स SPV एयर इंडिया को ट्रांसफर कर रही है. सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश को आसान बनाने के लिए किसी भी तरह के सेल्स पर TDS और TCS न चुकाने की छूट दी है.

CBDT ने कहा कि स्रोत पर कर संग्रह (TDS) की कटौती के मकसद से एयर इंडिया द्वारा एआईएएचएल को सामान के स्थानांतरण पर ‘विक्रेता’ नहीं माना जाएगा. सीबीडीटी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मंजूर योजना के तहत एयर इंडिया से एआईएएचएल को पूंजीगत संपत्तियों के हस्तांतरण को आयकर के उद्देश्य से स्थानांतरण नहीं माना जाएगा. CBDT ने पिछले सप्ताह पहले के मैनेजमेंट द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के नए मालिकों को नुकसान को आगे ले जाने और भविष्य के लाभ से इसे पूरा करने की अनुमति दी थी.