वाहनों का थर्ड पार्टी बीमा रविवार से महंगा हो गया. हालांकि इस वृद्धि का ट्रांस्पोटर्स व वाहन उद्योग के जानकार काफी विरोध कर रहे हैं. वाहन उद्योग के जानकारों के अनुसार पहले से ही वाहनों की मांग काफी कम हो गई है. ऐसे में इंश्योरेंस महंगा होने से नया वाहन खरीदना और महंगा हो जाएगा इसका असर वाहनों की बिक्री पर पड़ेगा. गौरतलब है कि दोपहिया वाहन खरीदने पर पांच साल और कारों के लिए तीन साल का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य है.

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इतना बढ़ा प्रीमियम

 नई व्यववस्था के तहत चार पहिया वाहनों का बीमा प्रीमियम 12.5 फीसदी तक और मोटर साइकिल व अन्य दो पहिया वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने पर आपको 21 फीसदी तक अधिक प्रीमियम देना होगा. इससे नई मोटर साइकिल या दो पहिया वाहनों की कीमत 350 से 1000 रुपये बढ़ जाएगी. वहीं कारों के लिए ग्राहकों को 11 हजार रुपये तक अधिक कीमत चुकानी होगी.

ट्रांस्पोटर्स ने कहा सरकार ने किया धोखा

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन गुप्ता ने बताया कि गाड़ियों के बीमा का प्रीमियम बढ़ाना ट्रांस्पोटर्स के साथ धोखा है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जब 18 से 23 फीसदी तक प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की थी तो सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि 2019 में बीमा प्रीमियम में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी. इसके बावजूद बढ़ोत्तरी की गई. इस संबंध में ऑल इंडिया मोटर ट्रांस्पोर्ट कांग्रेस की ओर से पत्र लिख कर विरोध दर्ज कराया गया है.

इरडा को पत्र लिख विरोध जताया

इरडा को पत्र लिख कर बीमा दरों को न बढ़ाने के लिए कहा गया था. लेकिन बढ़ोतरी वापस नहीं ली गई और इस साल भी व्यावसायिक वाहनों का बीमा प्रीमियम 10 फीसदी तक बढ़ गया है. गुप्ता के अनुसार उनका कहना था कि निजी गाड़ियों पर नो क्लेम बोनस मिलता है, लेकिन व्यावसायिक वाहनों को यह लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में बहुत से ऐसी बातें हैं जो किसी आधार पर चीजें तय हो रही हैं ये पता ही नहीं लगता है.