Electric Bus in Karnataka: देश में इलेक्ट्रिक और ग्रीन मोबिलिटी को लेकर बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. राज्य सरकारें परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल पर पूरजोर फोकस कर रहे हैं. इसी सिलसिले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि अगले साल अप्रैल तक बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) में 1,400 नई बसें शामिल की जाएंगी.  उन्होंने आगे कहा कि ये इलेक्ट्रिक बसें होंगी. इससे राज्य में ग्रीन मोबिलिटी को सहारा मिलेगा और जीरो कार्बन एमिशन से पर्यावरण को भी मदद मिलेगी. उन्होंने पहले चरण में यहां विधान सौध में बीएमटीसी की 100 गैर-वातानुकूलित यानी कि एसी इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई. 

शक्ति योजना के तहत फ्री में बस सेवा

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मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति योजना शुरू होने के बाद से अब तक कर्नाटक की महिलाएं राज्य परिवहन की बसों में 120 करोड़ यात्रा मुफ्त कर चुकी हैं. कुल मिलाकर 40 लाख लोग हर दिन बीएमटीसी की बसों से यात्रा करते हैं. इसमें सभी जाति, सभी धर्म और सभी वर्ग की महिलाएं शामिल हैं.  

बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया कदम

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देने और शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की गई हैं. सिद्धरमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा सेवा की आलोचना करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि जब वह सत्ता में थी तो उसने इस कल्याणकारी योजना को लागू क्यों नहीं किया. 

उन्होंने इस योजना के प्रभावी परिणाम भी बताए. उन्होंने कहा कि हमारी गारंटी के कारण, लोगों की क्रय शक्ति और राज्य की आर्थिक गतिविधि भी बढ़ रही है. ये योजनाएं मजदूरों, किसानों और महिलाओं के लिए पैसा बचाने में बहुत मददगार होती हैं. वे उस पैसे का उपयोग अपने परिवार की अन्य जरूरतों के लिए करते हैं. इस तरह लाखों परिवारों की आर्थिक शक्ति भी बढ़ रही है. 

3000 चालकों को किया गया प्रशिक्षित

उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 4.30 करोड़ लोग सरकारी गारंटी योजनाओं से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं. इससे गरीबों और मजदूर वर्गों को आर्थिक प्रगति की मुख्यधारा में लाया जा रहा है. बीएमटीसी ने एक बयान में कहा कि यात्रियों के लिए एक सुरक्षित परिवहन प्रणाली और चालकों को अधिक जागरूक बनाने के लिए 10 बसों में 'एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम' (एडीएएस) लागू किया जा रहा है. 

इसमें कहा गया है कि यातायात उल्लंघन और दुर्घटना को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए, सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के कड़ाई से पालन के वास्ते पुलिस विभाग के सहयोग से दिसंबर से 3,000 चालकों को ट्रैफिक कमांड और कंट्रोल सेंटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है.